बिजली चोरी और हिंसा के मामले में घिरे सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क

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समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। संभल हिंसा में एफआईआर दर्ज होने के बाद, अब बिजली चोरी के आरोप में उनका नाम सामने आया है। गुरुवार को बिजली विभाग की टीम ने उनके आवास पर छापेमारी कर लोड चेकिंग की, जिसके बाद बिजली अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

बिजली विभाग ने खुलासा किया कि सांसद के आवास पर 2 किलोवाट का घरेलू कनेक्शन लिया गया था, लेकिन जांच में 16 किलोवाट से अधिक का लोड पाया गया। मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उनके आवास की बिजली काट दी गई है।

बिजली चोरी का मामला: क्या है आरोप?

पखंड अधिकारी संतोष त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, सांसद के आवास पर जांच में पाया गया कि मीटर को बाईपास कर अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा था।

  • लोड: 2 किलोवाट के कनेक्शन के मुकाबले 16,480 वाट का उपयोग पाया गया।
  • एमआरआई रिपोर्ट: मीटर की जांच में बिजली चोरी की पुष्टि हुई।

बिजली विभाग की कार्रवाई:

  1. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सांसद के घर की बिजली काट दी गई।
  2. सांसद के पिता पर बिजली कर्मचारियों को धमकाने का भी केस दर्ज करने की तैयारी है।

सांसद के वकील का पक्ष

सांसद जियाउर्रहमान बर्क के वकील कासिम जलाल ने बिजली चोरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि:

  • घर में 10 किलोवाट का सोलर पैनल और 5 किलोवाट का जनरेटर लगा हुआ है।
  • घर में दो एसी, एक फ्रिज, आधा दर्जन पंखे और लाइट्स का उपयोग होता है।
  • घर में केवल चार लोग रहते हैं और बिजली का न्यूनतम फिक्स्ड चार्ज नियमित रूप से जमा किया जा रहा है।

हिंसा के मामले में भी विवादों में बर्क

जियाउर्रहमान बर्क पर संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में भी एफआईआर दर्ज है।

  • इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।
  • पुलिस ने बर्क पर 24 नवंबर को भड़काऊ भाषण देकर लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है।

हाईकोर्ट में याचिका

सांसद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर:

  1. अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की।
  2. अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की अपील की।

सांसद ने रिट याचिका में खुद को निर्दोष बताया है और दावा किया है कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। उनके वकील ने तर्क दिया कि घटना के दिन बर्क शहर में मौजूद नहीं थे।