भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के इंटरनेशनल क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के फैसले ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया है। सुनील गावस्कर, पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज, ने इस फैसले की आलोचना की है। उनका मानना है कि अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खत्म होने तक इंतजार करना चाहिए था।
गावस्कर: “सीरीज के बीच में संन्यास से टीम को नुकसान”
गावस्कर ने सीरीज के आधिकारिक प्रसारक से कहा:
“अश्विन यह कह सकते थे कि सीरीज के बाद वह चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। पांच मैचों की सीरीज अभी 1-1 से बराबर है। उनके अचानक संन्यास से भारतीय टीम के पास एक खिलाड़ी कम हो गया।”
गावस्कर ने अश्विन की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से की, जिन्होंने 2014-15 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज के तीसरे टेस्ट के बाद अचानक संन्यास ले लिया था। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसलों से टीम की योजनाओं पर असर पड़ता है।
सिडनी टेस्ट में अश्विन की जरूरत थी: गावस्कर
गावस्कर ने कहा कि अश्विन को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले पांचवें टेस्ट में खेलना चाहिए था।
- सिडनी की पिच: यह स्पिनरों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
- गावस्कर ने सुझाव दिया कि भारत वहां दो स्पिनरों के साथ खेल सकता था, और अश्विन की मौजूदगी टीम के लिए अहम होती।
- उन्होंने कहा:
“मेलबर्न की पिच कैसी होगी, यह कहना मुश्किल है। लेकिन सिडनी टेस्ट में अश्विन की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती थी।”
क्या वॉशिंगटन सुंदर होंगे अश्विन के विकल्प?
जब गावस्कर से पूछा गया कि क्या वॉशिंगटन सुंदर को अश्विन का उत्तराधिकारी माना जा रहा है, तो उन्होंने कहा:
“मुझे लगता है वॉशिंगटन सुंदर उनसे आगे हैं। रोहित शर्मा ने बताया कि अश्विन स्वदेश लौट रहे हैं। यह अश्विन के अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत है। वह एक बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं।”
गावस्कर ने चयन समिति पर भरोसा जताया
गावस्कर ने यह भी कहा कि चयन समिति ने दौरे के लिए अतिरिक्त खिलाड़ियों को तैयार रखा था।
- अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है, तो रिजर्व खिलाड़ियों से चयन किया जा सकता है।
- हालांकि, अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी का अचानक जाना टीम के लिए एक बड़ा झटका है।