भारत-चीन: 5 साल बाद हो सकती है विशेष बातचीत, रिश्तों में आएगा सुधार

Osyb6pem2ucvsfluzjtqxciqwpnceug6wv5pvj8r

भारत और चीन के बीच 5 साल बाद बीजिंग में विशेष प्रतिनिधि वार्ता होने जा रही है. अप्रैल 2020 में कोरोना काल के दौरान भारत और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए. LAC पर चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में घुसने की घटना से भारत और चीन के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. अक्टूबर में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में संयुक्त सहमति के बाद आगे की बातचीत करने का फैसला लिया गया.

 

बीजिंग में एनएसए अजीत डोभाल की बैठक 

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन के दौरे पर हैं. तब उनकी ये यात्रा कई मायनों में खास मानी जाती है. इस बैठक का खास इरादा एलएसी विवाद को पूरी तरह से सुलझाना और दोनों देशों के बीच रिश्तों को फिर से सहज बनाना है. सूत्रों के मुताबिक, LAC विवाद के बाद मौजूदा हालात में यह अहम बैठक है. बुधवार को अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की. अजीत डोभाल अपने काम में बेहद कुशल हैं और भारत के सिद्धांतों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे. 

5 साल बाद मुलाकात

दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच 5 साल बाद यह मुलाकात हुई है. दोनों प्रतिनिधियों के बीच आखिरी मुलाकात साल 2019 में हुई थी। फिर 2020 में LAC सीमा पर लद्दाख विवाद के बाद तनाव पैदा हो गया। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि इस विवाद के 75% मुद्दे सुलझा लिए गए हैं और बाकी मुद्दे भी जल्द ही सुलझा लिए जाएंगे और दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की उम्मीद जताई. 

बातचीत हो चुकी है

एनएसए अजीत डोभाल ऐसे समय में बीजिंग दौरे पर हैं जब दोनों देशों ने एलएसी पर डेमचोक और देपसांग इलाकों से अपनी सेनाएं हटा ली हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय और सेना के बीच सहमति बनी. फिलहाल दोनों देशों द्वारा आपसी तालमेल से एलएसी बॉर्डर पर पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी गई है. यहां बता दें कि इस विवाद को सुलझाने के लिए कोर कमांडरों की 21 बैठकें हो चुकी हैं। इसके साथ ही राजनीतिक बातचीत भी हुई. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सीमावर्ती इलाकों में शांति और सद्भाव के प्रबंधन पर बातचीत होगी. दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को गति देने की कोशिश की जाएगी. बीजिंग बैठक में एक-दूसरे देशों के बुनियादी हितों और मुख्य समस्याओं पर सम्मान और समझ के साथ चर्चा की जाएगी. जिससे आपसी विश्वास मजबूत होगा और ईमानदारी व सद्भावना से मतभेद दूर होंगे।

भारत का प्रभुत्व

भारत ने पहले चीन से उस बिंदु पर आने की बात की थी जहां से एलएसी पर विवाद शुरू हुआ था। लेकिन चीन इसके लिए तैयार नहीं था, 5 साल बाद 2020 में चीन को द्विपक्षीय बातचीत का एहसास हुआ है. G20 देशों के अलावा BRICS, SCO, QUAD जैसे तमाम वैश्विक संगठनों में भारत को मिले प्रमुख स्थान से चीन बौखला गया है और अब उसे पीछे न हटने के फैसले पर सोचने पर मजबूर कर दिया है.