क्या आप जानते हैं कि शादी के बाद आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है? यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है। यदि आप शादी के बाद भी अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो इस विषय को समझना बेहद जरूरी है। क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, और इसका ज्यादा होना आपके लिए फायदेमंद है। आइए विस्तार से जानते हैं कि शादी का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ सकता है।
शादी के बाद ज्वाइंट अकाउंट का चलन
शादी के बाद अक्सर लोग ज्वाइंट बैंक अकाउंट खोलते हैं या ज्वाइंट होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं।
- ज्वाइंट लोन का मतलब: लोन की जिम्मेदारी पति और पत्नी दोनों पर होती है।
- बैंक की शर्तें:
- बैंक ज्वाइंट होम लोन में दोनों के क्रेडिट स्कोर को चेक करता है।
- अगर किसी एक का क्रेडिट स्कोर कम है, तो बैंक लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकता है।
- साथ ही लोन के एप्रूवल की संभावना भी कम हो जाती है।
ACX के फाउंडर सतीश मेहता के अनुसार, ज्वाइंट लोन के मामले में दोनों पार्टनर का क्रेडिट स्कोर अहम भूमिका निभाता है।
अच्छे क्रेडिट स्कोर के फायदे
यदि पति और पत्नी दोनों का क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो इसके कई फायदे होते हैं:
- लोन एप्रूवल: लोन के मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है।
- इंटरेस्ट रेट में छूट: बैंक बेहतर क्रेडिट स्कोर पर रियायती ब्याज दर देता है।
डिजिटल लेंडिंग कंसल्टेंट पारिजात गर्ग के मुताबिक:
- बैंक लोन के रिपेमेंट में योगदान के आधार पर क्रेडिट स्कोर को महत्व देता है।
- उदाहरण:
- यदि पत्नी का लोन में योगदान 60% है, तो बैंक उनके क्रेडिट स्कोर को अधिक प्राथमिकता देगा।
- अगर योगदान केवल 25% है, तो उनका क्रेडिट स्कोर कम मायने रखेगा।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो पर असर
ज्वाइंट अकाउंट और ज्वाइंट लोन का असर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो पर भी पड़ता है।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो: कुल क्रेडिट लिमिट के मुकाबले आपका उपयोग।
- कम रेशियो: जिम्मेदारीपूर्ण वित्तीय व्यवहार।
- उच्च रेशियो: दबाव में वित्तीय स्थिति का संकेत।
स्टेबलइनवेस्टर्स के फाउंडर देव आशीष बताते हैं:
“क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो कम होना वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है। जबकि अधिक रेशियो चिंता का विषय हो सकता है।”
कम क्रेडिट स्कोर सुधारने के उपाय
यदि शादी के बाद किसी एक पार्टनर का क्रेडिट स्कोर कम है, तो इसे सुधारने के लिए कदम उठाना जरूरी है:
- कम स्कोर की वजह जानें: डिफॉल्ट या मिस्ड पेमेंट्स का विश्लेषण करें।
- समय पर भुगतान करें: क्रेडिट कार्ड और लोन की किश्तें समय पर चुकाएं।
- ज्वाइंट लोन की जिम्मेदारी बांटें: दोनों की ओर से लोन का भुगतान सुनिश्चित करें।
विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों पार्टनर्स का क्रेडिट स्कोर सुधारने से:
- लोन एप्रूवल में आसानी होगी।
- ब्याज दर में रियायत मिलेगी।
- वित्तीय योजनाएं सुचारू रूप से चलेंगी।