NCERT textbook prices: कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार (17 दिसंबर) को घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से NCERT की किताबों की कीमतें 20% तक घटाई जाएंगी। यह कदम छात्रों और अभिभावकों पर वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
15 करोड़ किताबों की होगी प्रिंटिंग
शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में NCERT प्रति वर्ष लगभग 5 करोड़ किताबें प्रकाशित करता है। अगले साल से इस क्षमता को बढ़ाकर 15 करोड़ किताबें करने की योजना है। उन्होंने कहा:
“अगले शैक्षणिक सत्र में NCERT 15 करोड़ गुणवत्तापूर्ण और किफायती किताबें प्रकाशित करेगा, जिससे छात्रों को सस्ती और आसानी से उपलब्ध पाठ्य सामग्री मिलेगी।”
नई किताबें 2026-27 से होंगी उपलब्ध
मंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCF) के अनुसार, 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए सिलेबस को अपडेट किया जा रहा है। नई किताबें 2026-27 शैक्षणिक सत्र से छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी।
- पाठ्यपुस्तकों की कीमत नहीं बढ़ाई जाएगी ताकि अभिभावकों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।
- प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी में सुधार के चलते किताबों की लागत कम हो रही है, जिसका सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा।
क्लास 1 से 8 की किताबों में कोई बदलाव नहीं
कक्षा 1 से 8 तक की NCERT की किताबों की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये किताबें पहले की तरह ₹65 प्रति किताब की दर से ही बेची जाएंगी।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी मिलेंगी NCERT की किताबें
NCERT ने Amazon और Flipkart के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल के तहत छात्र इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर NCERT की किताबें MRP पर खरीद सकेंगे।
- इसका उद्देश्य शिक्षा सामग्री को सुलभ और अधिक किफायती बनाना है।
शिक्षा मंत्री का उद्देश्य
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किताबों की कीमतों में कटौती और उत्पादन क्षमता में वृद्धि का मकसद है:
- छात्रों पर वित्तीय बोझ को कम करना।
- गुणवत्तापूर्ण सामग्री को अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचाना।
- पाठ्यपुस्तकों की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाना।