संसद: एक देश एक चुनाव बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस और सपा का विरोध

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वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़ा बिल आज यानी मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को सदन में पेश किया है. इस विधेयक को ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ नाम दिया गया है. बिल पेश करने के बाद सरकार इसकी सिफारिश संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) से करने जा रही है। बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप की घोषणा की. 

 

टीएमसी ने किया विरोध

टीएमसी ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि यह बिल संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. एक देश एक चुनावी तानाशाही की ओर एक कदम है. टीएमसी सांसद ने कहा कि एक देश एक चुनाव की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया में संशोधन करने वाला विधेयक नहीं है. कोई भी पार्टी हमेशा सत्ता में नहीं रह सकती.

 

 

 

सपाइयों ने भी विरोध जताया

बिल के विरोध में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि मैं इस बिल के खिलाफ हूं. 2 दिन पहले हम संविधान पर बहस कर रहे थे और 2 दिन के अंदर ही संविधान पर हमला हो रहा है. यह बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है. जो लोग एक साथ 8 विधानसभाएं नहीं कर सकते, वे एक देश, एक चुनाव की बात करते हैं। यह बिल दलित विरोधी, पिछड़ा विरोधी, मुस्लिम विरोधी है. मैं इस बिल का विरोध करता हूं.

विपक्ष को समर्थन देना चाहिए- गिरिराज सिंह 

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ बिल पर पूरे विपक्ष को एक साथ होना चाहिए, इसलिए एक साथ होना चाहिए क्योंकि यह कोई नया बिल नहीं है. 1966 तक हमने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ में भाग लिया, कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी की हर पहल का विरोध करने की कसम खाई है। इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता. यह ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ देश के विकास के लिए है और अगर पूरी जनता इसे चाहती है तो विपक्ष को इसका समर्थन करना चाहिए और इसे सर्वसम्मति से पारित करना चाहिए।’

विपक्ष में हैं अखिलेश यादव 

अखिलेश यादव ने कहा, ‘लोकतंत्र के संदर्भ में अलोकतांत्रिक ही एकमात्र शब्द है. लोकतंत्र बहुमत का पक्षधर है. एक व्यक्ति की दूसरे व्यक्ति के प्रति भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं है, जिससे सामाजिक सहिष्णुता का उल्लंघन होता है। व्यक्तिगत स्तर पर अपनेपन की भावना अहंकार को जन्म देती है और सत्ता को तानाशाही बना देती है।

 

 

 

कांग्रेस ने किया विरोध

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह बिल संविधान के खिलाफ है. यह संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. हम इस बिल का विरोध करते हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संविधान में बदलाव का ये बिल एक बिगुल है. सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करेंगे. यह बिल संविधान के खिलाफ है.