बच्चों का मन बेहद कोमल और उनकी भावनाएं नाजुक होती हैं। माता-पिता के व्यवहार का उनके मानसिक और भावनात्मक विकास पर गहरा असर पड़ता है। यही वजह है कि पेरेंटिंग एक्सपर्ट्स हमेशा माता-पिता को बच्चों के सामने हर कदम सोच-समझकर उठाने की सलाह देते हैं। लेकिन अक्सर घर आए मेहमानों के सामने माता-पिता जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो बच्चों के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी 5 गलतियों के बारे में, जो घर आए मेहमानों के सामने करने से आपको बचना चाहिए।
1. बच्चों की पढ़ाई को लेकर बुराई करना
अक्सर माता-पिता मेहमानों के सामने अपने बच्चों के खराब प्रदर्शन को लेकर चर्चा करना शुरू कर देते हैं।
- क्या न करें:
- बच्चे की पढ़ाई को लेकर मेहमानों के सामने उनकी आलोचना न करें।
- यह उनके मनोबल को तोड़ सकता है और वे खुद को कमतर महसूस कर सकते हैं।
- क्या करें:
- यदि बच्चा किसी विषय में कमजोर है, तो उनके प्रयासों की सराहना करें।
- उनके अच्छे प्रदर्शन पर फोकस करें और सुधार के लिए प्रोत्साहित करें।
सकारात्मक बातों का जिक्र करने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होते हैं।
2. बच्चों की शारीरिक बनावट पर टिप्पणी करना
कुछ माता-पिता मेहमानों के सामने बच्चों के वजन, कद या किसी शारीरिक बनावट को लेकर टिप्पणी कर देते हैं।
- क्या न करें:
- बच्चों की शारीरिक बनावट को लेकर मजाक न बनाएं।
- ऐसे शब्दों का उपयोग न करें, जो उनके आत्मसम्मान को चोट पहुंचाए।
- क्या करें:
- उन्हें स्वस्थ और स्मार्ट महसूस कराने के लिए पोषण से भरपूर खाना खिलाएं।
- बच्चों के साथ एक्सरसाइज करें और उनके अंदर पॉजिटिव बॉडी इमेज विकसित करें।
सकारात्मक माहौल से बच्चे खुद को अधिक आत्मविश्वासी और खुश महसूस करते हैं।
3. बच्चों को मेहमानों के सामने डांटना
बच्चों की गलतियों को सुधारना पेरेंटिंग का हिस्सा है, लेकिन मेहमानों के सामने उन्हें डांटना या फटकारना सही नहीं है।
- क्या न करें:
- बच्चों की गलतियों को सबके सामने उजागर न करें।
- कठोर शब्दों का इस्तेमाल न करें।
- क्या करें:
- यदि बच्चा कोई गलती करता है, तो इसे बाद में प्यार और समझदारी से समझाएं।
- मेहमानों के सामने उनकी गलतियों पर चर्चा करने से बचें।
डांटने से बच्चा असुरक्षित महसूस कर सकता है और उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है।
4. बच्चों की तुलना दूसरों से करना
बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करना, उनके मन में हीन भावना पैदा कर सकता है।
- क्या न करें:
- यह न कहें कि “देखो, वो बच्चा कितना अच्छा कर रहा है और तुम क्यों नहीं।”
- उनकी कमजोरियों को दूसरों के सामने उजागर न करें।
- क्या करें:
- हर बच्चे में अलग-अलग खूबियां होती हैं, इस बात को समझें और उनके गुणों को पहचानें।
- उनकी ताकतों को सराहें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करें।
तुलना से बच्चों में नकारात्मकता आ सकती है और वे खुद को दूसरों से कमतर समझने लगते हैं।
5. गुस्सा दिखाना
क्रोध एक सामान्य भावना है, लेकिन बच्चों के सामने इसे जाहिर करना उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- क्या न करें:
- मेहमानों के सामने बच्चों के प्रति गुस्से का प्रदर्शन न करें।
- अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीखें।
- क्या करें:
- यदि किसी बात से गुस्सा आता है, तो शांत होकर समस्या का समाधान निकालें।
- बच्चों के सामने संयमित और सकारात्मक व्यवहार का उदाहरण पेश करें।