तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वालों को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जो लोग ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हैं, उन्हें चुनाव आयोग के सामने किसी भी विसंगति का सबूत पेश करना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान के बाद आई है, जिसमें उमर ने कांग्रेस की ईवीएम पर आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा था कि पार्टी केवल तब ही ईवीएम पर सवाल उठाती है जब वह चुनाव हार जाती है।
‘ईवीएम में आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं’
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में बूथ कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों की सख्त निगरानी के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का कोई ठोस सबूत नहीं मिलता है। उन्होंने कहा:
“मैं लंबे समय से जमीनी स्तर पर चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा रहा हूं। अगर ईवीएम रैंडमाइजेशन सही तरीके से किया जाता है और बूथ कार्यकर्ता मॉक पोल के दौरान ईवीएम की जांच करते हैं, तो हेरफेर की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, वोटों की गिनती के दौरान फॉर्म 17सी की समीक्षा की जाती है, जिससे किसी भी गड़बड़ी की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।”
‘आरोप लगाने की बजाय सबूत दें’
बनर्जी ने कहा कि यदि किसी को लगता है कि ईवीएम में हेरफेर संभव है, तो उन्हें चुनाव आयोग के सामने जाकर इसका प्रमाण या डेमो प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा:
“अगर किसी के पास ईवीएम को हैक करने के लिए कोई मैलवेयर या तकनीकी जानकारी है, तो उन्हें चुनाव आयोग के सामने इसे साबित करना चाहिए। सिर्फ बयानबाजी करने से कोई हल नहीं निकलता।”
‘क्षेत्रीय दलों की अहमियत को कम न आंके’
जब उनसे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ में नेतृत्व की चर्चा के बारे में पूछा गया तो अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह मुद्दा विस्तृत चर्चा के बाद तय होगा। उन्होंने कहा:
“ममता बनर्जी सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वह तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और इससे पहले केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। इस विषय पर सभी दलों को मिलकर चर्चा करनी चाहिए। किसी भी क्षेत्रीय पार्टी को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि टीएमसी एकमात्र पार्टी है जिसने भाजपा और कांग्रेस दोनों को चुनाव में हराया है, जो उसकी ताकत को दर्शाता है।
ममता बनर्जी को मिला शरद पवार और लालू यादव का समर्थन
हाल ही में ममता बनर्जी ने कहा था कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ-साथ विपक्षी मोर्चे की जिम्मेदारी भी संभाल सकती हैं। उनके इस बयान के बाद एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं ने उनका समर्थन किया।
यह बयान हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में कांग्रेस के हालिया चुनावी झटकों के बाद आया है, जिससे इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व को लेकर बेचैनी बढ़ गई है।