बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उनकी आने वाली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, उनके प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘लापता लेडीज’ को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में भेजा गया है। इन सबके बीच आमिर ने अपनी पर्सनल लाइफ, काम और ‘लाल सिंह चड्ढा’ के फ्लॉप होने के बाद उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में खुलकर बात की।
‘लाल सिंह चड्ढा’ के बाद फिल्मों से दूरी क्यों?
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में आमिर ने बताया कि ‘लाल सिंह चड्ढा’ के फ्लॉप होने के बाद उन्होंने एक्टिंग और फिल्मों से दूरी बना ली थी। जब उनसे वापस फिल्मों में लौटने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
“मेरे बेटे जुनैद ने मुझे समझाया। उसने कहा कि आप एक अतिवादी व्यक्ति (एक्सट्रीम पर्सन) हैं। आपकी जिंदगी एक पेंडुलम की तरह है। आपने हमेशा सिर्फ फिल्मों पर फोकस किया और अब आप पूरी तरह परिवार की ओर झुक गए हैं। लेकिन बीच का भी एक रास्ता हो सकता है, जहां आप काम और परिवार दोनों के बीच संतुलन बनाए रख सकते हैं।”
आमिर ने माना कि उनके बेटे की सलाह ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया।
अब जिंदगी में संतुलन लाने की कोशिश
आमिर खान ने कहा,
“जुनैद की बात ने मुझे सोचने पर मजबूर किया। तब से मैं अपनी जिंदगी में संतुलन लाने की कोशिश कर रहा हूं। अब मैं पहले से ज्यादा काम करता हूं, लेकिन शाम के 6 बजे के बाद काम नहीं करता।”
यह फैसला उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए लिया गया एक अहम कदम है।
थैरेपी से मिला सपोर्ट
इंटरव्यू में आमिर ने यह भी खुलासा किया कि वह पिछले 2-3 सालों से अपनी बेटी इरा खान के कहने पर थैरेपी ले रहे हैं।
- आमिर ने बताया, “थैरेपी ने मुझे बहुत मदद की है। इसने मुझे खुद को बेहतर तरीके से समझने में मदद की है।”
- थैरेपी के जरिए आमिर अपने मानसिक स्वास्थ्य पर काम कर रहे हैं और अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं।
आने वाले प्रोजेक्ट्स पर फोकस
- आमिर की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’, जो उनके निर्देशन और एक्टिंग से सजी हुई है, जल्द रिलीज होगी।
- उनकी प्रोडक्शन फिल्म ‘लापता लेडीज’, जिसे ऑस्कर के लिए भेजा गया है, पहले ही दर्शकों के बीच उत्सुकता जगा चुकी है।
निष्कर्ष: संतुलित जीवन की ओर आमिर का कदम
‘लाल सिंह चड्ढा’ के बाद आमिर खान ने अपने जीवन को दोबारा संतुलित करने का फैसला लिया है। परिवार और काम के बीच बैलेंस बनाकर चलने की उनकी कोशिश और थैरेपी लेने का उनका कदम यह दिखाता है कि वह न केवल एक बेहतर अभिनेता, बल्कि एक बेहतर इंसान बनने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। उनकी आने वाली फिल्मों का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है।