सीरिया पर 50 साल से अधिक समय तक चले असद परिवार के शासन का अंत हो गया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद, जिन्हें हाल ही में सत्ता से बेदखल कर दिया गया, ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया कि सीरिया से उनका पलायन किसी योजना का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह मजबूरी में लिया गया कदम था।
सत्ता से बेदखली: आतंकियों ने किया कब्जा
सीरिया की सत्ता पर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने बीते 8 दिसंबर को 11 दिनों की लड़ाई के बाद कब्जा कर लिया।
- 10 साल पुरानी जंग का अंत: असद और HTS के बीच 2011 से संघर्ष चल रहा था। पहले, असद ने रूस और ईरान की मदद से विद्रोहियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था, लेकिन इस बार HTS ने उन्हें पूरी तरह मात दे दी।
- दमिश्क छोड़ने की मजबूरी: 8 दिसंबर की शाम HTS लड़ाके दमिश्क के राष्ट्रपति भवन के करीब पहुंच गए, जिसके बाद असद को रूस के खमीमिम बेस से सुरक्षित बाहर ले जाया गया।
असद का बयान: “मैंने कभी सत्ता का लालच नहीं किया”
रूस में शरण लिए हुए असद ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर एक बयान जारी किया।
- उन्होंने कहा, “मैंने कभी व्यक्तिगत लाभ के लिए सत्ता का लालच नहीं किया। मैं हमेशा सीरिया का संरक्षक रहा हूं।”
- सीरियाई लोगों पर भरोसा: असद ने कहा कि उन्हें सीरियाई लोगों के विश्वास और उनकी इच्छाशक्ति पर अटूट भरोसा है। उन्होंने यह भी कहा कि “जब देश आतंकवाद के हाथों में चला जाता है, तो सत्ता का कोई मतलब नहीं रह जाता।”
“मैं आतंकियों से लड़ना चाहता था”
असद ने सीरिया से जबरन निकलने को लेकर अपनी मजबूरी का जिक्र करते हुए कहा:
- “सीरिया छोड़ना मेरा विकल्प नहीं था। मैं अंतिम क्षण तक आतंकवादियों से लड़ना चाहता था।”
- उन्होंने बताया कि लगातार हो रहे ड्रोन हमलों के कारण रूस ने उन्हें देश से बाहर निकाला।
सीरिया के भविष्य को लेकर असद की उम्मीद
सत्ता से बेदखल होने के बाद असद का यह पहला सार्वजनिक बयान है, जिसमें उन्होंने सीरिया के भविष्य के प्रति अपनी उम्मीद जाहिर की।
- “इतना कुछ हो जाने के बाद भी सीरिया और उसके लोगों के प्रति मेरी गहरी भावना कम नहीं हुई है।”
- असद ने कहा कि वह इस विश्वास के साथ जी रहे हैं कि एक दिन “सीरिया फिर से आजाद होगा।”
HTS का बढ़ता प्रभुत्व
- HTS का सफर: हयात तहरीर अल-शाम, जिसे अल-कायदा का एक धड़ा माना जाता है, ने धीरे-धीरे सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया।
- अंतरराष्ट्रीय चिंता: HTS के सत्ता में आने के बाद सीरिया पर आतंकवादियों का प्रभाव बढ़ गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौती और गंभीर हो गई है।
असद और रूस का गठजोड़
असद ने 2011 से ही रूस और ईरान का समर्थन हासिल किया था, जिसकी बदौलत वह विद्रोहियों को लंबे समय तक काबू में रख सके।
- रूस का साथ: इस बार भी असद को सुरक्षित रूस ले जाया गया।
- नई चुनौतियां: हालांकि, अब असद का सीरिया में प्रभाव पूरी तरह खत्म हो चुका है।