ज़ाकिर के पिता का नाम अल्लाह रक्खा खान था, जो एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। जाकिर ने बचपन में अपने पिता से तबले का जादू सीखा। उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। जाकिर ने अपना पहला कॉन्सर्ट 11 साल की उम्र में अमेरिका में दिया था. उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
जिससे उन्हें दुनिया में एक अलग पहचान मिली
जाकिर हुसैन ने 1973 में अपना पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च किया। इसके अलावा जाकिर पहले भारतीय संगीतकार थे जिन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में ‘ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ के लिए आमंत्रित किया था। 1992 में उनका द प्लैनेट ड्रम और 2009 में ग्लोबल ड्रम दो प्रमुख कार्यक्रम थे जिनके लिए उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्धि मिली।
समतल सतह पर कहीं भी अंगुलियों से धुन बजाते थे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मां बेव बेगम ने एक बार कहा था कि जाकिर हुसैन को बचपन से ही संगीत का शौक था. अपने पिता को तबला बजाते हुए देखकर, उन्होंने किसी भी धुन पर और कहीं भी, समतल सतह पर अपनी उंगलियों से बजाना शुरू कर दिया। कई बार जब वे किचन में खाना बना रहे होते थे तो बर्तन बिखेरने लगते थे।