उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रियों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक लखनऊ के लोक भवन में आयोजित की गई थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी दलों के नेता भी शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को सुचारू और सफलतापूर्वक संपन्न कराना था।
विधानसभा सत्र को लेकर विस्तृत चर्चा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में विधानसभा सत्र की सफलता को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विधायकों और मंत्रियों को सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों के लिए तैयार रहने को कहा। बैठक में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की रणनीति पर भी विचार किया गया। बीजेपी के नेताओं ने सदन के भीतर अनुशासन और कार्यकुशलता बनाए रखने पर जोर दिया।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“विधानसभा सत्र से पहले बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक होती है। कल से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है और सरकार चाहती है कि विपक्ष अपने रचनात्मक दायित्व का निर्वहन करे। अगर उनके पास कोई सवाल है, तो वे उसे सदन में रखें।”
18 दिसंबर को कांग्रेस का विधानसभा घेराव
बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करने की घोषणा पर भी चर्चा हुई। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा,
“उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच महाभारत जैसा संघर्ष चल रहा है। दोनों पार्टियां मुस्लिम वोट बैंक के लिए आपस में होड़ कर रही हैं। इंडिया गठबंधन अब पूरी तरह से बिखर चुका है। कांग्रेस का घेराव करना उनका अधिकार है, लेकिन जिन मुद्दों को लेकर वे घेराव करना चाहते हैं, वे बातें सदन के अंदर भी कही जा सकती हैं।”
बैठक में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण बैठक में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और मंत्री परिषद के सभी सदस्य शामिल हुए। सभी वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा सत्र को सफल बनाने के लिए अपने-अपने विचार साझा किए और महत्वपूर्ण रणनीतियों पर चर्चा की।
कांग्रेस का आरोप: विफलताओं को छिपाने के लिए तुष्टिकरण
कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि वह कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेगी। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि,
“योगी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सरकार धार्मिक तुष्टिकरण की रणनीति अपना रही है।”
कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और विधानसभा घेराव के दौरान इन मुद्दों पर जवाब मांगेगी।
कांग्रेस के पास केवल दो विधायक
हालांकि, विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या महज दो है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका घेराव कितना प्रभावी साबित होता है। 18 दिसंबर को कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन का असर कितना होगा, यह उसी दिन स्पष्ट हो पाएगा। दूसरी ओर, योगी सरकार ने भी कांग्रेस के इस घेराव का मुकाबला करने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।