UNESCO ने जापान की 1000 साल पुरानी शराब “UNESCO” को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में किया शामिल

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हाल ही में UNESCO ने जापान की 1000 साल पुरानी चावल से बनी शराब “साके” को “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर” (Intangible Cultural Heritage of Humanity) के रूप में शामिल किया है। यह निर्णय जापान की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने का एक ऐतिहासिक कदम है। साके जापान के त्योहारों, अनुष्ठानों और धार्मिक आयोजनों का अभिन्न हिस्सा है, और इसका निर्माण बेहद जटिल और रोचक प्रक्रिया से होता है।

11वीं सदी में बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए पीते थे साके

जापान में साके का इतिहास हजारों साल पुराना है। इसे शुरू में बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए एक शक्तिशाली पेय के रूप में माना जाता था।

  • 11वीं सदी के प्रसिद्ध जापानी उपन्यास “द टेल ऑफ जेनजी” में भी साके को एक खास और प्रतिष्ठित ड्रिंक के रूप में उल्लेखित किया गया है।
  • जापान के UNESCO राजदूत ताकाहिरो कानो ने साके को जापान की संस्कृति का “दिव्य उपहार” बताया और इसके ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व को रेखांकित किया।

साके अब जापान की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है, जो जापानी समाज के रीति-रिवाजों और परंपराओं में गहराई से जुड़ी हुई है।

साके की जटिल और रोचक निर्माण प्रक्रिया

साके बनाने की प्रक्रिया अत्यंत दिलचस्प और मेहनत भरी होती है। इसे मुख्य रूप से चावल, पानी, यीस्ट और कोजी (एक विशेष प्रकार का फंगस) से बनाया जाता है।

प्रक्रिया के मुख्य चरण:

  1. चावल का स्टीमिंग:
    • चावल को अच्छे से स्टीम किया जाता है।
  2. कोजी का उपयोग:
    • कोजी फंगस का उपयोग चावल के स्टार्च को शक्कर में बदलने के लिए किया जाता है, जैसा कि बीयर में मॉल्टिंग की जाती है।
  3. फर्मेंटेशन:
    • चावल, पानी, और यीस्ट को मिलाकर फर्मेंट किया जाता है।
  4. नियमित देखरेख:
    • फर्मेंटेशन के दौरान हर घंटे चावल को हिलाया जाता है।
  5. फिल्ट्रेशन और पैकेजिंग:
    • अंत में तैयार साके को दबाकर निकाला जाता है और पैक किया जाता है।

यह प्रक्रिया लगभग दो महीने लंबी होती है और इसमें काफी मेहनत लगती है।

सांस्कृतिक महत्व:

  • जापान के त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में साके का विशेष महत्व है।
  • इसे अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।

दुनियाभर में बढ़ती साके की लोकप्रियता

साके अब जापान के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुकी है।

  • हर साल जापान से करीब $265 मिलियन (लगभग 2,199.5 करोड़ रुपए) का साके निर्यात किया जाता है।
  • अमेरिका और चीन साके के प्रमुख बाजार हैं।
  • जापानी साके निर्माता संघ के अनुसार, साके का व्यापार लगातार बढ़ रहा है और इससे जापान की अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो रहा है।

साके: जापानी संस्कृति का प्रतीक

साके अब केवल एक ड्रिंक नहीं, बल्कि जापान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन चुकी है। UNESCO की इस मान्यता से साके को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पहचान मिली है।