जनवरी 2025 में एक अनोखी खगोलीय घटना होने जा रही है, जब छह ग्रह—शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, वरुण (नेपच्यून), और अरुण (यूरेनस)—रात के आकाश में एक दुर्लभ ग्रह संरेखण (प्लैनेटरी अलाइनमेंट) में दिखाई देंगे। इसे ग्रहों की परेड (Planet Parade) भी कहा जाता है। यह घटना खगोल प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव होगा।
आइए जानते हैं कि इस अद्भुत दृश्य को कब और कैसे देखा जा सकता है, और ग्रहों की परेड का महत्व क्या है।
ग्रहों की परेड कब होगी?
ग्रहों की यह परेड 21 जनवरी से 21 फरवरी 2025 के बीच होगी। इस अद्भुत खगोलीय घटना को भारत, अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों से देखा जा सकेगा। सूर्यास्त के तुरंत बाद यह नज़ारा सबसे साफ और खूबसूरत दिखाई देगा।
ग्रहों की परेड का सही समय:
- शाम 8:00 से 8:30 बजे के बीच इस परेड को सबसे अच्छी तरह देखा जा सकता है।
- रात 11:30 बजे तक ग्रहों का यह संरेखण धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएगा।
कौन-कौन से ग्रह दिखाई देंगे?
इस परेड में छह प्रमुख ग्रह शामिल होंगे:
- शुक्र (Venus)
- मंगल (Mars)
- बृहस्पति (Jupiter)
- शनि (Saturn)
- वरुण (Neptune)
- अरुण (Uranus)
इनमें से चार ग्रह—शुक्र, मंगल, बृहस्पति, और शनि—को आप बिना किसी उपकरण के अपनी खुली आंखों से देख सकते हैं। लेकिन अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून) को देखने के लिए दूरबीन या उच्च क्षमता वाले टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी।
ग्रहों की परेड क्या होती है?
जब सूर्य की परिक्रमा करने वाले दो या उससे अधिक ग्रह एक साथ एक लाइन में आ जाते हैं, तो इसे ग्रहों का संरेखण या ग्रहों की परेड कहा जाता है। इस स्थिति में सभी ग्रह एक सीध में आते हुए दिखाई देते हैं। यह एक दुर्लभ घटना होती है और इसे देखने का मौका बहुत कम मिलता है।
2025 की परेड में खास बात:
इस बार छह ग्रह एक साथ कतार में दिखाई देंगे। इसके अलावा, बीच-बीच में बुध (Mercury) भी इस संरेखण में शामिल हो सकता है, जिससे यह दृश्य और भी अद्भुत बन जाएगा।
ग्रहों की परेड देखने के टिप्स
- सूर्यास्त के तुरंत बाद देखें:
जैसे ही सूर्य डूबे, आकाश में ग्रहों की यह कतार साफ-साफ दिखाई देने लगेगी। - खुले और अंधेरे स्थान पर जाएं:
शहरों की रोशनी ग्रहों के दृश्य को धुंधला कर सकती है, इसलिए खुले और प्रदूषण मुक्त स्थान पर जाकर इस घटना का आनंद लें। - दूरबीन और टेलीस्कोप का इस्तेमाल करें:
वरुण और अरुण जैसे दूर के ग्रहों को देखने के लिए एक अच्छी क्वालिटी की दूरबीन या टेलीस्कोप का प्रयोग करें। - घड़ी का ध्यान रखें:
शाम 8:00 से 11:30 बजे के बीच ग्रहों का संरेखण सबसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। - सही दिशा का पता लगाएं:
पश्चिम दिशा में सूर्यास्त के तुरंत बाद ग्रहों की यह कतार दिखाई देगी।
इस घटना का महत्व
- खगोल प्रेमियों के लिए अवसर:
ग्रहों की परेड खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक दुर्लभ और रोमांचक घटना है। - शिक्षा और जागरूकता:
यह घटना छात्रों और बच्चों को खगोल विज्ञान के प्रति आकर्षित कर सकती है और उन्हें ब्रह्मांड की विशालता का अनुभव कराएगी। - खगोलीय संयोग का अध्ययन:
वैज्ञानिकों के लिए यह संयोग एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे ग्रहों के गति पथ और उनके बीच के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव का अध्ययन कर सकते हैं।