नई दिल्ली: एमएसपी समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का जत्था शनिवार को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को रोक दिया। जैसे ही किसानों ने बैरिकेड हटाने की कोशिश की, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई में कई किसान घायल हो गए। इसके बाद किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को स्थगित कर दिया गया।
देशभर में होगा ट्रैक्टर मार्च
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने ऐलान किया कि पंजाब को छोड़कर पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने कहा:
“16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर देश के बाकी राज्यों में ट्रैक्टर मार्च होगा। इसके बाद 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पंजाब में रेलों को पूरी तरह से जाम किया जाएगा।”
पंजाब में रेल जाम का आह्वान
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पंजाब के लोगों को हर जगह रेलों को जाम करना चाहिए। उन्होंने कहा:
“हम तीन करोड़ पंजाबियों से अपील करते हैं कि रेलों को वहां जाम करें जहां प्लेटफॉर्म और रेल फाटक हों।”
पुलिस कार्रवाई में किसान घायल
पंढेर ने बताया कि हरियाणा पुलिस की कार्रवाई में 17-18 किसान घायल हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कैमिकल युक्त पानी का इस्तेमाल किया।
किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता
किसान नेता ने कहा कि देश की 50% आबादी खेती-किसानी से जुड़ी है और उनकी आवाज को दबाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हैं। उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है, लेकिन उनकी स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पुलिस बल और आंसू गैस का इस्तेमाल
सरवन सिंह पंढेर ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा:
“पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में किसानों पर ठंड के मौसम में बल प्रयोग किया गया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कैमिकल वाला पानी फेंका।”
उन्होंने बताया कि शंभू बॉर्डर पर लगभग 10,000 किसान समर्थन में पहुंचे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से कई लोग घायल हो गए।