बेंगलुरु: कोरोना महामारी के दौरान कर्नाटक में हुई कथित गड़बड़ियों के चलते सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इस धोखाधड़ी के कारण राज्य के खजाने को 167 करोड़ रुपये का भारी नुकसान होने का आरोप है। मामला पीपीई किट (PPE Kit) और एन95 मास्क की अवैध खरीद और आपूर्ति से जुड़ा है।
पीपीई किट और एन95 मास्क की अवैध खरीद का मामला
यह मामला चिकित्सा कर्मियों के लिए आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट और एन95 मास्क की अवैध खरीद से संबंधित है। शिकायत चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (DME) के मुख्य लेखा अधिकारी डॉ. एम. विष्णुप्रसाद ने दर्ज कराई है। इसमें DME के पूर्व निदेशक और कुछ निजी कंपनियों के प्रबंधन सहित कई प्रमुख हस्तियों पर आरोप लगाए गए हैं।
किसी भी राजनेता का नाम नहीं
हालांकि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन किसी भी राजनीतिक व्यक्ति या उच्च पदस्थ अधिकारी का नाम स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है। फिर भी, इस घोटाले में नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
कोरोना संकट के दौरान चल रहा था भ्रष्टाचार
शिकायत के मुताबिक, वर्ष 2020 में जब कोरोना महामारी चरम पर थी, उस समय चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आवश्यक आपूर्ति की खरीद में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
- 18 अगस्त 2020 को राज्य सरकार ने 17 सरकारी कॉलेजों और एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए 2.59 लाख एन95 मास्क और इतनी ही संख्या में पीपीई किट की खरीद की अनुमति दी थी।
- इसी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सामने आईं।
अस्पतालों को नहीं मिली पूरी आपूर्ति
सरकारी आदेशों के बावजूद, खरीद प्रक्रिया में कई स्तरों पर अनियमितताएं हुईं।
- पीपीई किट की आपूर्ति के लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई गई थी, लेकिन नामित अस्पतालों को कभी भी पूरी आपूर्ति नहीं मिली।
- इस गड़बड़ी के चलते अस्पतालों को महामारी के दौरान आवश्यक संसाधनों की भारी कमी का सामना करना पड़ा।
मुंबई की कंपनी पर आरोप
FIR में बताया गया है कि मुंबई स्थित एक कंपनी ने धोखाधड़ी में केंद्रीय भूमिका निभाई।
कंपनी पर लगे आरोप:
- बोली प्रक्रिया में धांधली।
- कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी।
- अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देना।
कुछ अधिकारियों पर इन अवैध गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने का आरोप है। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इस धोखाधड़ी में संभवतः पूर्व सरकार के राजनीतिक प्रतिनिधियों की भूमिका हो सकती है।
जांच जारी, कड़ी कार्रवाई की उम्मीद
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है। इस मामले ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य आपूर्ति में हुई लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर किया है।