बहादुर शाह जफर का उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाली सुल्ताना बेगम की याचिका खारिज

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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय के पोते की विधवा होने का दावा करने और लाल किले पर कब्जा करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरू की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज करने का आदेश दिया।

डिवीजन बेंच ने कहा कि सिंगल बेंच के आदेश के करीब ढाई साल के बाद याचिका दायर की गई है और इतनी देरी को माफ नहीं किया जा सकता है। सुल्ताना बेगम ने 20 दिसंबर 2021 के सिंगल जज के आदेश को चुनौती दी थी, सिंगल जज ने सुल्ताना बेगम की याचिका खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच ने सुल्ताना बेगम की याचिका की गुण दोष पर विचार किये बिना सिर्फ इसे दाखिल करने में हुई देरी के आधार पर याचिका खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच ने कहा था कि जब सुल्ताना के पूर्वजों ने लाल किले पर दावे को लेकर कुछ नहीं किया, अब कोर्ट इसमें क्या कर सकता है! अब बहुत देर हो चुकी है।

सुल्ताना का कहना था कि 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने जबरदस्ती लाल किला कब्जे में लिया था। याचिकाकर्ता की ओर से वकील विवेक मोरे ने कहा था कि सुल्ताना बेगम लालकिले की वैध मालकिन हैं। उन्होंने कहा था कि बहादुर शाह जफर के उत्तराधिकारी सुल्ताना बेगम हैं। याचिका में कहा गया था कि लाल किले पर सरकार ने गैरकानूनी रुप से कब्जा कर रखा है।