रेकी करने के आरोप में कार पर जुर्माना लगाने का आदेश रद्द 

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प्रयागराज, 13 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध शराब ढो रहे मालवाहक की रेकी करने के मामले में एक कार को जब्त कर उस पर जुर्माना लगाने के डीएम आगरा के आदेश को रद्द कर दिया।

न्यायालय ने कहा कि अवैध शराब ढो रहे मालवाहक की कार से रेकी का आरोप है, अवैध शराब ढोने का नहीं। कार से अवैध शराब बरामद नहीं हुआ है। ऐसे में आबकारी अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने दिया।

आगरा निवासी याची मनीष की कार को पुलिस ने रोक कर कार के पीछे चल रहे मालवाहक से अवैध शराब बरामद की थी। पुलिस ने कार से रेकी का आरोप लगाते हुए विभिन्न धाराओं में याची पर मुकदमा दर्ज करते हुए कार को सीज कर दिया। सीजेएम आगरा की कोर्ट ने शर्तों के साथ कार रिलीज कर दी। इसी दौरान डीएम ने आबकारी अधिनियम के तहत नोटिस जारी कर साढ़े तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कार न बेचने आदि की शर्तें लगा दी। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि कार पर अवैध शराब नहीं पाया गया है। शराब ले जा रहे वाहन की रेकी का आरोप लगाकर आबकारी एक्ट में कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी ने कार का रंग न बदलने, उसे न बेचने आदि की शर्त लगाते हुए लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जो अवैध है। न्यायालय ने पक्षों को सुनने के बाद डी एम आगरा के आदेश को रद्द कर दिया।