ट्राई का मैसेज ट्रैसेबिलिटी नियम लागू: 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को मिलेगा बड़ा फायदा

5 Trai Message Traceabilit

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का मैसेज ट्रैसेबिलिटी नियम आखिरकार 11 दिसंबर 2024 से लागू हो गया है। इस नए नियम से देश के 120 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स को राहत मिलने वाली है। टेलीकॉम रेगुलेटर ने यह कदम एसएमएस के जरिए धोखाधड़ी और स्पैम को रोकने के लिए उठाया है। पहले यह नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होना था, लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटर्स की मांग पर इसकी समय सीमा को 30 नवंबर और फिर 10 दिसंबर तक बढ़ाया गया। आखिरकार, सभी तैयारियां पूरी होने के बाद इसे आज लागू कर दिया गया है।

आइए जानते हैं कि इस नए नियम से आम मोबाइल यूजर्स को क्या फायदा होगा और यह कैसे काम करेगा।

क्या है मैसेज ट्रैसेबिलिटी नियम?

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, मैसेज ट्रैसेबिलिटी नियम के तहत मोबाइल यूजर्स को भेजे गए मैसेज के सोर्स (प्रेषक) का पता लगाना आसान हो जाएगा। इस नियम के मुख्य बिंदु हैं:

  1. फर्जी व्यावसायिक संदेश नेटवर्क स्तर पर ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
  2. हैकर्स या धोखाधड़ी करने वाले स्पैम मैसेज भेजने में सफल नहीं होंगे।
  3. टेलीकॉम कंपनियों को हर मैसेज की पूरी चेन की जानकारी रखनी होगी।

फायदे:

  • यूजर्स को धोखाधड़ी और स्पैम से राहत मिलेगी।
  • किसी भी संदिग्ध या फर्जी मैसेज का शुरुआती स्रोत पता लगाया जा सकेगा।

पहले भी लागू किए गए थे नियम

ट्राई ने इससे पहले भी अनचाहे मैसेज और कॉल रोकने के लिए कई नियम लागू किए थे।

  • किसी भी असत्यापित स्रोत से आने वाले मैसेज, जिनमें यूआरएल या एपीके फाइल का लिंक हो, उन्हें ब्लॉक किया जाएगा।
  • व्यावसायिक कॉल भी अगर असत्यापित नंबर से आती है, तो उसे नेटवर्क स्तर पर रोका जाएगा।

ऑनलाइन धोखाधड़ी में बढ़ोतरी

  • हाल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में 3000% तक की वृद्धि हुई है।
  • हैकर्स लगातार नए तरीके अपनाकर लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या OTP मिलने में देरी होगी?

ट्राई ने स्पष्ट किया है कि मैसेज ट्रैसेबिलिटी नियम लागू होने से OTP (वन टाइम पासवर्ड) मिलने में किसी प्रकार की देरी नहीं होगी। हालांकि, शुरुआत में इस मुद्दे पर मिसकम्युनिकेशन हुआ था।

टेलीकॉम ऑपरेटर्स की चिंता:

  • Jio, Airtel, Vi और BSNL जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स का तर्क था कि कई टेलीमार्केटर्स और बैंक जैसी संस्थाएं अभी तक इस नए नियम के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं।
  • इसी वजह से रोलआउट में देरी हुई।

फिलहाल स्थिति:

  • नियम लागू होने के बाद 95% मैसेज बिना किसी देरी के डिलीवर हो रहे हैं।
  • सिर्फ 5% मैसेज पर असर पड़ सकता है, लेकिन ट्राई का कहना है कि जल्द ही इस समस्या को भी दूर कर लिया जाएगा।

कैसे करेगा ट्रैसेबिलिटी नियम काम?

  1. हर मैसेज का स्रोत पता लगाया जाएगा:
    • अगर कोई फर्जी या स्पैम मैसेज भेजता है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा।
  2. सीधे नेटवर्क स्तर पर रोक:
    • अनचाहे मैसेज और कॉल्स को नेटवर्क स्तर पर ही रोक दिया जाएगा।
  3. पारदर्शिता:
    • ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी मैसेज की पूरी चेन का रिकॉर्ड रखें।

नए नियम से यूजर्स को कैसे फायदा होगा?

  1. धोखाधड़ी से बचाव:
    • फर्जी मैसेज और कॉल की संभावना कम होगी।
  2. स्पैम से राहत:
    • यूजर्स को अनचाहे मैसेज से छुटकारा मिलेगा।
  3. बेहतर सुरक्षा:
    • मैसेज भेजने वाले का स्रोत आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।