‘बांग्लादेश न माने तो हिंदुओं की सुरक्षा के लिए…’, RSS का मोदी सरकार को सख्त सुझाव

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बांग्लादेश हिंसा : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद लगातार हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। यहां कई मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और हिंदुओं को परेशान किया जा रहा है. इसके चलते भारत के कई संगठनों समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी चिंता जताई है. आरएसएल अभियान के अध्यक्ष सुनील अंबेडकर ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है और केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई करने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘अगर बातचीत से समस्या का समाधान नहीं होता है तो केंद्र सरकार को अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए.’

‘बांग्लादेश से बातचीत से नहीं सुलझा मसला तो…’

नागपुर में ‘सकल हिंदू समाज’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार को इस मामले को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और उचित कदम उठाना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है, लेकिन अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझता है तो दूसरा विकल्प तलाशा जाना चाहिए।’

 

‘सिर्फ हिंदुओं पर अत्याचार की निंदा करना काफी नहीं’

अंबेडकर ने कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदू समाज पर अत्याचार मुगल शासन की याद दिलाते हैं। वहां हमारे मंदिर जलाये जा रहे हैं, लूटे जा रहे हैं. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं. ये सब देखकर हिंदुओं को गुस्सा आना चाहिए. सिर्फ घटना की निंदा करना और परेशान होना काफी नहीं है. हमें गुस्से और दुख से आगे बढ़ने की जरूरत है।’

 

हिंसा का मकसद हिंदुओं को बाहर निकालना है: सुनील अंबेडकर

उन्होंने ये भी कहा कि, ‘बांग्लादेश में हिंसा का मकसद हिंदुओं को बाहर निकालना है. सिर्फ बांग्लादेश में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. हम हिंदुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर हम कुछ नहीं करेंगे तो अगली पीढ़ी हमारी चुप्पी पर सवाल उठाएगी।’