गोल्डमैन सैक्स ने डीमार्ट पर जताई निराशा, बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण दबाव की संभावना

Dmart 1200

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने डीमार्ट की मूल कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स पर अपनी निराशा व्यक्त की है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनी की स्थिति पर दबाव बढ़ने की आशंका जताई गई है। इस वजह से गोल्डमैन सैक्स ने डीमार्ट के शेयर का लक्ष्य मूल्य ₹4,000 से घटाकर ₹3,425 कर दिया है, जो कि करीब 10% की गिरावट को दर्शाता है।

डीमार्ट की छूट रणनीति में बदलाव

बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति बनाए रखने के लिए डीमार्ट ने अपनी छूट दर बढ़ा दी है। दिसंबर में, डीमार्ट ने किराना उत्पादों की एक टोकरी पर एमआरपी से 25% तक की छूट दी थी। जबकि इस साल जुलाई में यह छूट केवल 15% थी। इसका मतलब है कि कंपनी ग्राहकों को लुभाने के लिए ज्यादा आक्रामक रणनीति अपना रही है। हालांकि, इस तरह की रणनीति से कंपनी के मार्जिन पर असर पड़ सकता है।

गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषण में कमजोरियां

गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि:

  1. शहरी बाजार में ताजा खाद्य श्रेणी में डीमार्ट के पास कोई विशेष प्रतिस्पर्धात्मक लाभ नहीं है।
  2. डीमार्ट की पहुंच अभी भी भारत के विस्तृत किराना बाजार तक नहीं हो पाई है।
  3. कंपनी को शीर्ष 10 शहरों के बाहर विस्तार की आवश्यकता है, जहां विकास की संभावनाएं मौजूद हैं।

आय अनुमान में कटौती

गोल्डमैन सैक्स ने एवेन्यू सुपरमार्ट्स के वित्तीय वर्ष 2025, 2026, और 2027 के लिए आय अनुमान में क्रमशः 4.2%, 6.2%, और 6.1% की कटौती की है। इन कटौतियों का मुख्य कारण प्रतिस्पर्धा और डिस्काउंटिंग के चलते कम होता लाभ मार्जिन है।

सितंबर तिमाही के नतीजों से निराशा

सितंबर तिमाही में एवेन्यू सुपरमार्ट्स के नतीजे ब्रोकरेज फर्मों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। हालांकि, कंपनी के मुनाफे में मामूली बढ़त हुई है:

  • मुनाफा:
    सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 5.8% बढ़कर ₹659.6 करोड़ हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹623.6 करोड़ था।
  • राजस्व:
    राजस्व में 14.4% की वृद्धि हुई है और यह ₹14,444.5 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा ₹12,624.4 करोड़ था।

हालांकि ये आंकड़े वृद्धि दिखाते हैं, लेकिन ब्रोकरेज फर्मों की अपेक्षाओं से कम हैं।

सीएलएसए की डीमार्ट पर सकारात्मक राय

वहीं, हांगकांग स्थित ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए डीमार्ट को लेकर आशावादी है। सीएलएसए का मानना है कि कंपनी की प्राइवेट लेबल रणनीति सही दिशा में है। प्राइवेट लेबल उत्पाद वे होते हैं जिनका स्वामित्व और बिक्री का अधिकार पूरी तरह से रिटेल स्टोर के पास होता है।

प्राइवेट लेबल रणनीति के फायदे

  1. लागत नियंत्रण:
    प्राइवेट लेबल से कंपनी को अपने उत्पादों पर अधिक नियंत्रण मिलता है, जिससे लागत कम रहती है।
  2. ब्रांड वैल्यू:
    इससे डीमार्ट अपना खुद का ब्रांड मजबूत कर सकता है और ग्राहकों को विशेष उत्पाद प्रदान कर सकता है।
  3. प्रतिस्पर्धा से मुकाबला:
    यह रणनीति डीमार्ट को अन्य प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने में मदद करेगी।

सीएलएसए ने डीमार्ट पर अपनी ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी है, जिससे संकेत मिलता है कि कंपनी भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

डीमार्ट के लिए आगे की राह

डीमार्ट के सामने बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलते बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है:

  1. क्षेत्रीय विस्तार:
    कंपनी को शीर्ष 10 शहरों से बाहर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार करना होगा।
  2. ताजा खाद्य श्रेणी में निवेश:
    ताजा खाद्य श्रेणी में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मजबूत करने के लिए निवेश करना जरूरी होगा।
  3. डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार:
    ऑनलाइन किराना बाजार में कदम बढ़ाकर डीमार्ट ई-कॉमर्स के जरिए अपनी पहुंच बढ़ा सकता है।
  4. नवीनतम तकनीकों का उपयोग:
    ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी उन्नति पर ध्यान देना होगा।