टेक्नोलॉजी की दुनिया में Google ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए सुपरकंप्यूटिंग के क्षेत्र में तहलका मचा दिया है। कंपनी ने हाल ही में दुनिया की सबसे तेज क्वांटम कंप्यूटिंग चिप “Willow” पेश की है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी खुद Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल के माध्यम से साझा की है। इस चिप की घोषणा के बाद न केवल टेक जगत में उत्साह है, बल्कि टेस्ला और स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क ने भी इसमें रुचि दिखाई है और पिचाई की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी है।
Google का दावा है कि यह चिप इतनी शक्तिशाली है कि जटिल से जटिल गणनाओं को भी सेकंडों में हल कर सकती है। इस चिप के आने से सुपरकंप्यूटिंग के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेडिकल रिसर्च के क्षेत्रों में भी बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
जटिल त्रुटियों को सुलझाने में विशेषज्ञता
सुंदर पिचाई ने अपने पोस्ट में Willow चिप की विशेषताओं को विस्तार से समझाया है। उन्होंने बताया कि यह चिप गणनाओं के दौरान होने वाली त्रुटियों को हल करने में बेहद सक्षम है। इस चिप की कार्यक्षमता में सुधार के लिए इसमें अधिक से अधिक qubits का उपयोग किया गया है।
Introducing Willow, our new state-of-the-art quantum computing chip with a breakthrough that can reduce errors exponentially as we scale up using more qubits, cracking a 30-year challenge in the field. In benchmark tests, Willow solved a standard computation in <5 mins that would…
— Sundar Pichai (@sundarpichai) December 9, 2024
5 मिनट से भी कम समय में जटिल गणनाएं
Google के डेमो वीडियो में पिचाई ने यह दिखाया कि Willow चिप 105 क्यूबिट के साथ बेहद जटिल गणनाओं को 5 मिनट से भी कम समय में हल कर सकती है। यह क्षमता मौजूदा सुपरकंप्यूटरों की तुलना में कई गुना अधिक है। Google की क्वांटम एआई यूनिट के प्रमुख हर्टमट नेवेन ने इसे Google की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया है।
मेडिकल और AI में बड़े बदलाव की संभावना
Willow चिप की तेज गणना क्षमता के चलते, यह मेडिकल रिसर्च और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। जीनोम सीक्वेंसिंग, नई दवाओं की खोज और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के प्रशिक्षण में इसकी विशेष भूमिका होगी।
क्वांटम कंप्यूटिंग: एक नई तकनीकी क्रांति
पारंपरिक बाइनरी चिप्स बनाम क्वांटम चिप्स
पारंपरिक कंप्यूटरों में बाइनरी चिप्स का उपयोग होता है, जो डेटा को 0 और 1 के रूप में प्रोसेस करती हैं। लेकिन क्वांटम कंप्यूटिंग में क्वबिट्स (Qubits) का उपयोग किया जाता है, जो 0 और 1 के साथ-साथ सुपरपोजिशन की स्थिति में भी रह सकते हैं। इससे गणनाओं की प्रोसेसिंग क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
नवीनतम तकनीक से त्रुटि दर में कमी
Google ने Willow चिप में नवीनतम तकनीक का उपयोग कर त्रुटि दर को कम किया है। इसका मतलब है कि यह चिप गणना के दौरान होने वाली त्रुटियों को वास्तविक समय में ही ठीक कर सकती है। यह सुविधा क्वांटम कंप्यूटिंग को अधिक व्यावहारिक और भरोसेमंद बनाती है।
Google Willow चिप की विशेष क्षमताएं
शुरुआती परीक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन
हालांकि Willow चिप की पूरी क्षमता का परीक्षण अभी बाकी है, लेकिन शुरुआती परीक्षणों में इसने कई जटिल समस्याओं को बेहद आसानी और तेजी से हल कर दिखाया है।
ट्रांसमोन क्वबिट्स का उपयोग
इस चिप में ट्रांसमोन क्वबिट्स का उपयोग किया गया है। ट्रांसमोन क्वबिट्स में विद्युत परिपथों का उपयोग होता है, जो अत्यंत निम्न तापमान पर भी अपने क्वांटम गुण बनाए रखते हैं। यह चिप बेहद जटिल गणनाओं को कम समय में हल कर सकती है।
बेहतर क्वबिट कनेक्टिविटी
Willow चिप की एक और विशेषता है इसकी बेहतर क्वबिट कनेक्टिविटी। इसका मतलब यह है कि चिप के अंदर मौजूद क्वबिट्स आपस में बेहतर तरीके से संवाद कर सकते हैं, जिससे गणना की गति और सटीकता में सुधार होता है।