देश में खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली उत्पादों का खेल इतना फैला हुआ है कि आपको हमेशा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बना रहता है। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर का है, जहां प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले में सिंथेटिक दूध और सिंथेटिक पनीर बनाने वालों पर नकेल कसी, साथ ही नकली दूध बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल के गोदाम पर छापेमारी की।
इस समय शादियों का सीजन चल रहा है, जिसके चलते पनीर की मांग काफी बढ़ जाती है, केमिकल से नकली दूध और पनीर बनाने का खेल काफी पुराना है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने भारी मात्रा में स्किम्ड मिल्क पाउडर, 20 टिन रिफाइंड ऑयल, सैकरीन, व्हाइट पेस्ट और मिल्क फ्लेवर भी जब्त किया है। इन गुप्त गोदामों से नकली दूध बनाने की सामग्री के अलावा 3 मिलावटखोर आरोपी पकड़े गए।
नकली दूध कैसे तैयार किया जाता है?
मौके पर मौजूद अधिकारियों से जानकारी मिली है कि सिर्फ एक लीटर केमिकल से 500 लीटर नकली दूध तैयार किया जा सकता है. ये एक ऐसा तरीका है जिससे फैट को कंट्रोल किया जाता है ताकि मशीन उसे पकड़ न पाए. नकली दूध को असली जैसा मीठा बनाने के लिए 2 साल पहले एक्सपायर हो चुके सिंथेटिक सिरप का इस्तेमाल किया जाता था. इन खाद्य उत्पादों की सप्लाई दिल्ली और एनसीआर में की जा रही थी. 4-5 दिसंबर को खाद्य सुरक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन जगहों पर छापेमारी की तो पता चला कि कारोबारी अजय अग्रवाल ने कई केमिकल मिलाकर नकली दूध और पनीर बनाने का फॉर्मूला ईजाद किया है
नकली सिंथेटिक दूध पीने के नुकसान
नकली सिंथेटिक दूध स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है क्योंकि इसे डिटर्जेंट, यूरिया, रिफाइंड तेल और सफेद पाउडर जैसे कई रसायनों का उपयोग करके बनाया जाता है। इसमें न केवल प्राकृतिक पोषक तत्वों की कमी होती है, बल्कि इसमें मौजूद रसायन शरीर के लिए जहरीले हो सकते हैं।
1. प्रभाव
पाचन पर असर: नकली दूध में मौजूद डिटर्जेंट और अन्य रसायन पेट और आंतों में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे दस्त, गैस और पेट दर्द हो सकता है।
यूरिया और अन्य विषैले तत्व मौजूद हैं
नकली दूध किडनी की उत्पादकता को प्रभावित कर सकता है और लंबे समय तक इसका सेवन किडनी फेलियर का कारण बन सकता है।
3. प्रभाव
हड्डियों और दांतों पर: सिंथेटिक दूध में कैल्शियम की कमी होती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और बच्चों के विकास पर असर पड़ सकता है। यानी छोटे बच्चों के लिए यह बहुत खतरनाक है
4. कैंसर का खतरा
: चूंकि नकली दूध में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए हमेशा असली दूध का सेवन करें और नकली दूध की पहचान के लिए सतर्क रहें।