रांची। झारखंड की छठी विधानसभा की कार्यवाही में मंत्रियों और विपक्षी नेताओं की सीटिंग व्यवस्था तय कर दी गई है। सत्ता पक्ष में मुख्यमंत्री के साथ-साथ मंत्रियों को अग्रिम पंक्ति में स्थान दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर के लिए मुख्यमंत्री के बगल में सीट सुरक्षित की गई है। इसके अलावा, कई अन्य मंत्रियों और विधायकों के लिए भी अग्रिम पंक्ति में स्थान निर्धारित किया गया है।
सत्ता पक्ष के मंत्रियों की अग्रिम पंक्ति में सीटें
झारखंड सरकार की नई विधानसभा में अग्रिम पंक्ति में बैठने वाले मंत्रियों में शामिल हैं:
- राधाकृष्ण किशोर – संसदीय कार्य मंत्री
- दीपिका पांडेय सिंह
- दीपक बिरूवा
- हफीजुल हसन
- संजय प्रसाद यादव
संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर के लिए मुख्यमंत्री के बगल में सीट आरक्षित की गई है, जिससे उनके कार्य की अहमियत को दर्शाया गया है।
अन्य विधायकों को भी अग्रिम पंक्ति में स्थान
मंत्रियों के अलावा, कुछ अन्य विधायकों को भी अग्रिम पंक्ति में सीटें दी गई हैं:
- रबींद्रनाथ महतो
- मथुरा महतो
- हेमलाल मुर्मू
- उदयशंकर सिंह
साथ ही, सत्ता पक्ष के विधायकों सुरेश पासवान, रामचंद्र सिंह, रामेश्वर उरांव, और प्रदीप यादव को भी अग्रिम पंक्ति में सीटें प्रदान की गई हैं। इससे सत्ता पक्ष के महत्वपूर्ण नेताओं की उपस्थिति और भूमिका को महत्व दिया गया है।
विपक्ष के नेताओं के लिए निर्धारित सीटें
विपक्षी नेताओं के लिए भी विधानसभा में अग्रिम पंक्ति में सीटें निर्धारित की गई हैं। इनमें शामिल हैं:
- बाबूलाल मरांडी
- सरयू राय
- चंपाई सोरेन
- नीरा यादव
- सीपी सिंह
इन नेताओं की सीटें यह दर्शाती हैं कि विपक्ष में भी प्रमुख नेताओं की भूमिका विधानसभा में महत्वपूर्ण मानी गई है।
स्पीकर पद के लिए स्टीफन मरांडी और कल्पना सोरेन की सीटें
स्पीकर निर्वाचित होने के बाद रबींद्रनाथ महतो की सीट पर स्टीफन मरांडी बैठेंगे। वहीं, कल्पना सोरेन के लिए दूसरी पंक्ति में लुईस मरांडी के साथ सीट निर्धारित की गई है। यह व्यवस्था विधानसभा में कुशल संचालन और संतुलन बनाए रखने के लिए की गई है।
स्पीकर निर्वाचन प्रक्रिया की जानकारी
विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर ने अपने संबोधन में विधायकों को स्पीकर के निर्वाचन की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने नव-निर्वाचित सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि विधानसभा के एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियम-8 के उपनियम (1) के तहत 10 दिसंबर (मंगलवार) को स्पीकर के निर्वाचन की तिथि निर्धारित की है।
स्पीकर निर्वाचन की प्रक्रिया के मुख्य बिंदु:
- नामांकन की प्रक्रिया –
- सोमवार को मध्याह्न से पहले कोई भी सदस्य किसी अन्य सदस्य को स्पीकर पद के लिए नामांकित कर सकता है।
- इस नामांकन का अनुमोदन एक अन्य सदस्य करेगा।
- कोई भी सदस्य स्वयं का नाम प्रस्तावित नहीं कर सकता।
- प्रस्तावों की समीक्षा –
- सभी प्रस्तावों को मंगलवार को सदन में उसी क्रम में रखा जाएगा, जिस क्रम में वे प्रस्तुत किए गए हैं।
- आवश्यकता पड़ने पर मतदान (विभाजन) के जरिए फैसला लिया जाएगा।
- स्पीकर की घोषणा –
- जैसे ही कोई प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, पीठासीन अधिकारी घोषणा करेंगे कि संबंधित सदस्य स्पीकर चुने गए हैं।
झारखंड के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि
प्रोटेम स्पीकर ने झारखंड के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को शहीदों के सपनों के अनुरूप एक विकसित और सशक्त झारखंड बनाने के लिए समर्पित रहना चाहिए।