सिंगरौली, 9 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में सोमवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां मोरवा थाना क्षेत्र के बड़गड़ गांव में खेत में बनी घास की झोपड़ी में अचानक आग लग जाने से उसमें सो रहे दो मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गयी। हादसे में 10 माह और 3 साल के दो बच्चे जिंदा जल गए।
घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, लेकिन अब तक कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है कि झोपड़ी में आग कैसे लगी। फिलहाल मोरवा थाना प्रभारी ने जांच की बात कही है। घटना से पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है।
जानकारी के अनुसार दुधमनिया तहसील के ग्राम बड़गड़ में सोमवार की दोपहर करीब एक बजे पति-पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ खेत पर काम करने गए थे। इस बीच पति-पत्नी जब खेत में काम कर रहे थे, तभी दोनों बच्चे खेलते-खेलते थककर झोपड़ी में जाकर सो गए। तभी अचानक झोपड़ी में आग लग गई और दोनों मासूमों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर मोरवा थाने की पुलिस, चितरंगी एसडीएम सुरेश जादव और अपर कलेक्टर भी पहुंच गए। मृतक बच्चों के नाम बाबूलाल (3 साल) और दौली (10 माह) है। पुलिस ने बच्चों के शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाए है। झोपड़ी में आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है। घटना की जानकारी मिलने पर आसपास खेत में काम कर रहे लोग भी वहां पहुंच गए। पूरे मामले में मोरवा थाना प्रभारी कपूर त्रिपाठी ने बताया कि “अभी आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शवों का पंचनामा कर लिया है।
पुलिस की टीम घटना की जांच कर रही है। किस कारण से यह हादसा हुआ, जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा।
फसल की देखरेख के लिए बनाई थी अस्थाई झाेपड़ी
बच्चाें के पिता सिपाहीलाल ने बताया कि मैंने अपने खलिहान में फसल की देखरेख के लिए पैरे से अस्थायी झोपड़ी बना रखी थी। दोपहर में मैं खेत में काम कर रहा था। दोनों बच्चे मेरे लिए खाना लेकर आए थे। खाना रखकर दोनों खेलते-खेलते वहीं सो गए। इस बीच हादसा हो गया। जब तक मैं कुछ समझ पाता, तब तक आग में झुलस जाने की वजह से दोनों बच्चों की मौत हो गई।
परिवार काे आर्थिक सहायता
एडीएम प्रमोद सेन गुप्ता ने बताया कि पीड़ित परिवार को तत्काल 10 हजार रुपये की अंत्येष्टि राशि प्रदान की गई। इसके अलावा, 4-4 लाख रुपये (कुल 8 लाख रुपये) की राहत राशि पीड़ित परिवार के बैंक खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस हादसे के बाद से पिता और बच्चों की मां का रो रो कर बुरा हाल है, पूरे गाँव में मातम पसरा है। स्थानीय लोग घटना से गहरे सदमे में हैं। पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए ग्रामीणों और अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रशासन ने आग से संबंधित घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है।