घरौंदा सेंटरों की बदहाली को लेकर हाइकोर्ट में हुई सुनवाई

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बिलासपुर, 9 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश में संचालित घरौंदा सेंटरों की बदहाली और यहां रह रहे महिला व बच्चों की सुरक्षा को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ में सुनवाई हुई। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की बैंच ने कोर्ट कमिश्नरों को घरौंदा केंद्र का निरीक्षण करने निर्देश दिए, वही अगली सुनवाई में जनवरी 2025 में होगी।

कोर्ट के निर्देश पर बिलासपुर में एक सेंटर को अच्छी जगह पर स्थानांतरित कर दिया गया है। मानसिक विकलांगता से ग्रसित 25 महिलाओं की देख-रेख एवं लालन पालन इसमें किया जा रहा है। घरौंदा संस्था भारत सरकार के राष्ट्रीय न्यास से पंजीकृत एवं समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त है। यहां नये भवन में दो बड़े हाल, डायनिंग कक्ष, रसोई घर, दो थेरेपी कक्ष, सांस्कृतिक गतिविधियों हेतु कक्ष, कार्यालय एवं अधीक्षक कक्ष, के साथ परिसर में स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए खुली जगह के साथ-साथ बरामदा की व्यवस्था बताई गई है।

पिछली सुनवाई में राज्य शासन की तरफ से कहा गया था कि घरौंदा महिला केन्द्र को डिपूपारा, बिलासपुर से शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला, तिफरा, बिलासपुर के पीछे स्थित भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां महिला संवासिनीयों के रहने के लिए पर्याप्त स्थान है। यह भी प्रस्तुत किया गया है। तिफरा, बिलासपुर के शासकीय मूक, बधिर एवं अंध विद्यालय के पास स्थित भवन में रख-रखाव का कार्य प्रगति पर है। वहीं 9 दिसंबर, 2024 को फिर से सुनवाई में सचिव ने शपथपत्र दाखिल किया है। वहीं इस बीच, न्यायालय आयुक्तों को संबंधित घरौंदा केंद्र का दौरा निरीक्षण करने और नई रिपोर्ट दाखिल करने कहा है। अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह 2025 में सुनिश्चित की गई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सचिव, समाज कल्याण विभाग रायपुर इस संबंध में अगली तिथि तक नया हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं।