बांग्लादेश की सड़कों पर बांटे जा रहे भारत विरोधी पर्चे, खिलाफत की तैयारी

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बांग्लादेश में एक और भारत विरोधी अभियान सामने आया है. हिजबुल तहरीर संगठन के तहत देश की सड़कों पर मुस्लिम एकता का आह्वान किया गया है और भारत को दुश्मन देश घोषित करने की मांग की जा रही है.

 

बांग्लादेश के ताज़ा हालात के बाद कई लोग बांग्लादेश के साथ व्यापार के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं. बांग्लादेश को कपास का निर्यात रोकने की मांग हो रही है और इन सबके बावजूद बांग्लादेश में भारत विरोधी आवाजें तेज़ हो रही हैं. बांग्लादेश की सड़कों पर भारत को दुश्मन देश घोषित करने की मांग वाले पर्चे बांटे जा रहे हैं.

देश के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर ऐसे पर्चे बांटे जा रहे हैं. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री आज सोमवार को बांग्लादेश जा रहे हैं. इससे पहले यह तस्वीर बांग्लादेश की सड़कों पर कैद की गई थी, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में और तनाव आ सकता है।

किस संस्था ने बांटा पर्चा?

बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल-उल-ताहरी ने एक पर्चा प्रकाशित कर भारत को दुश्मन देश घोषित करने की मांग की है। यहां तक ​​कि राजधानी ढाका में भी सड़कों पर कागज पड़े नजर आ रहे हैं. अभियान विवरणिका हिजबुल-तहरीर के संगठन के तहत मुस्लिम एकता का आह्वान करती है। दो पन्नों के प्रचार पुस्तिका में भारत को ‘दुश्मन’ बताया गया है।

दक्षिण एशिया में खलीफा की मांग

दावा किया गया है कि बांग्लादेश दक्षिण एशिया में ‘खिलाफत’ की स्थापना का नेतृत्व करेगा। जिस भारत ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई, जिस बांग्लादेश पर अब भारत को कई चीजों के लिए निर्भर रहना पड़ता है, उसी बांग्लादेश के लोग भारत को अपना दुश्मन घोषित करने की मांग कर रहे हैं और वहां की सरकार चुप है! अब इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि यूनुस सरकार कट्टरपंथी हमले को रोकने के लिए किस हद तक तैयार है।

अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा बढ़ रही है

भारत 5 अगस्त से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर सवाल उठा रहा है। लेकिन सरकार इस हिंसा पर काबू पाने में नाकाम रही है. भारत के विदेश सचिव के दौरे के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.