कोलकाता, 09 दिसंबर (हि. स.)। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से स्कूल नौकरी घोटाले के मुख्य आरोपित सुजय कृष्ण भद्र की गिरफ्तारी को लेकर उसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाए। न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कांत की खंडपीठ ने पूछा कि सीबीआई आरोपित को सुधार गृह में ही गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है। अदालत ने याद दिलाया कि विशेष अदालत ने 29 नवंबर को सीबीआई को सुधार गृह में ही आरोपित को गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी।
सुजय कृष्ण भद्र वर्तमान में कोलकाता के प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। उन्हें पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। ईडी इस मामले में समानांतर जांच कर रही है।
हाल ही में सीबीआई ने भी उन्हें इस मामले में गिरफ्तार दिखाने की पहल की थी। लेकिन बार-बार प्रयासों के बावजूद जेल अधिकारियों ने उनकी चिकित्सा स्थिति का हवाला देकर विशेष अदालत में उन्हें पेश करने में असमर्थता जताई।
अदालत ने यह भी सवाल किया कि सीबीआई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपित को विशेष अदालत में पेश क्यों नहीं कर रही है। अदालत ने कहा कि सीबीआई चाहे तो सुधार गृह में ही उन्हें आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर सकती है।
इस बीच, छह दिसंबर को न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की एकल पीठ ने ईडी द्वारा दर्ज मामलों में भद्र को जमानत दे दी। हालांकि, अदालत ने भद्र पर कई शर्तें लगाई हैं, जिनमें पासपोर्ट जमा करना और कोलकाता की सीमा से बाहर जाने पर रोक शामिल है।