लखनऊ, 07 दिसम्बर (हि.स.)। पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने लखनऊ में पत्रकार वार्ता में कहा कि आजकल कोर्ट के फैसलों से मुसलमानों के विश्वास को ठेस पहुंच रही है। वहीं भारत की न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट के फैसले सांप्रदायिक शक्तियों को हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग ढूंढने का अवसर दे रहे हैं। जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।
पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के मुद्दे पर फैसला सुनाते वक्त उसे एक अपवाद कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भविष्य में धार्मिक स्थलों को लेकर कोई विवाद नहीं उठेगा, सुप्रीम कोर्ट का यह कहना अब झूठ साबित हो रहा है। अभी वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद खड़ा करना वायदा खिलाफी है।
अनीस मंसूरी ने जोर देकर कहा कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सांप्रदायिक सद्भाव को बचाने के लिए ज़रूरी है, ऐसे विवादों पर लगाम लगाई जाए। संविधान और न्यायालयों का उद्देश्य सबके लिए समान न्याय और शांति सुनिश्चित करना है, न कि किसी एक वर्ग के हितों को बढ़ावा देना। पसमांदा मुस्लिम समाज देश के संविधान में पूरा विश्वास रखता है और किसी भी तरह की सांप्रदायिकता का विरोध करता रहेगा।