जम्मू 07 दिसंबर (हि.स.)। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को सशस्त्र बल का झंडा लगाया गया। उपराज्यपाल ने बहादुर सैनिकों, नाविकों और वायुसैनिकों की बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए “सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष“ में योगदान देकर अपना आभार और प्रशंसा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बल हमेशा अग्रणी रहे हैं, प्रतिबद्धता, समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बहुमूल्य सेवा प्रदान करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना आतंकवाद से लड़ने और लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो सीमाओं के साथ और केंद्र शासित प्रदेश के दूरदराज और दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के अपार योगदान के साथ ही हमने सामाजिक-आर्थिक विकास के एक ऐतिहासिक फास्ट-ट्रैक पथ में प्रवेश किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पण के साथ काम कर रहे हैं कि विकास का फल केंद्र शासित प्रदेश के हर कोने तक पहुंचे।
उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लोगों विशेष रूप से समाज के विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों से स्मरण और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति के प्रतीक के रूप में सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में उदारतापूर्वक दान करने की अपील की।
उपराज्यपाल ने कहा कि मैं सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सभी सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देता हूं।
इस अवसर पर कर्नल बी.एस. संब्याल (सेवानिवृत्त), कर्नल एस.एस. असला (सेवानिवृत्त), कर्नल एम.एस. भाऊ (सेवानिवृत्त), विंग कमांडर तीरथ सिंह (सेवानिवृत्त), सुभाष चंदर, सुरेश कुमार और बावा सिंह सहित दिग्गज अष्वनी कुमार, अशोक कुमार, जनक सिंह और राजिंदर कुमार उपस्थित थे।