बीमारियों और संक्रमण से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना जरूरी है। यह काम शरीर में मौजूद एंटीबॉडी की मदद से होता है। इसलिए जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, उन्हें बीमारी कम लगती है या वे किसी भी बीमारी से जल्दी ठीक हो पाते हैं। इसके विपरीत कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर को बीमारियों से बचाने में सक्षम नहीं होती।
खराब जीवनशैली, गलत खानपान, मेडिकल कंडीशन और अधिक दवाइयों का सेवन इम्यूनिटी कमजोर होने के मुख्य कारणों में से हैं। वहीं, न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना ने कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी है जो इम्यूनिटी के लिए जरूरी तो हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है-
जिंक का अधिक सेवन
जिंक एक माइक्रोन्यूट्रिएंट है जो इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है। कोविड-19 महामारी के दौरान जिंक का सेवन बढ़ गया था और लोग इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, जिंक की अधिक मात्रा आयरन और कॉपर के अवशोषण में बाधा डाल सकती है और यह शरीर के लिए आवश्यक कॉपर को कम कर सकता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
आहार में स्वस्थ वसा शामिल करें
वसा का सेवन भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सभी वसा हानिकारक हों। हालांकि, जंक फूड और अत्यधिक तले हुए भोजन से बचना चाहिए। इसके बजाय, आहार में जैतून का तेल, एवोकाडो, सूखे मेवे, मछली, चिया बीज और अखरोट जैसे स्वस्थ वसा शामिल करें, जो प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करते हैं।
बहुत अधिक सप्लीमेंट लेना गलत है
आजकल बहुत से लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं, लेकिन यह 100 प्रतिशत फायदेमंद विकल्प नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है और उल्टा रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है।
उचित आहार और स्वस्थ जीवनशैली महत्वपूर्ण हैं
ऋद्धि खन्ना कहती हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सही खान-पान और जीवनशैली को अपनाना जरूरी है। ताजे फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना चाहिए ताकि वे हानिकारक कीटाणुओं से मुक्त रहें। इसके अलावा हेल्दी फैट्स, पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का सेवन शरीर को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाए रखता है। जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ सकता है, इसलिए एक्सरसाइज में संतुलन बनाए रखना चाहिए