भारत में करोड़ों लोग पानी के साथ पी रहे हैं ‘ज़हर’, आर्सेनिक-दूषित पानी से हो सकता है किडनी कैंसर!

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भारत में जल संकट के बीच आर्सेनिक युक्त पानी एक गंभीर समस्या बनकर उभर रहा है। देश के आधे से ज़्यादा राज्य इस जानलेवा समस्या से जूझ रहे हैं, जहाँ लोग अनजाने में आर्सेनिक युक्त पानी पीकर अपने स्वास्थ्य को ख़तरे में डाल रहे हैं। आर्सेनिक एक ज़हरीला रासायनिक तत्व है, जो लंबे समय तक पानी में रहने पर कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकता है।

अमेरिका के टेक्सास स्थित ए एंड एम यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के अनुसार, आर्सेनिक युक्त पानी से किडनी कैंसर का खतरा 6% बढ़ जाता है। 2011 से 2019 तक के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले अध्ययन में पाया गया कि आर्सेनिक के संपर्क में आने से किडनी कैंसर की घटनाओं में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विश्लेषण के दौरान, 20 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 1 लाख व्यक्तियों का डेटा एकत्र किया गया। इसने 28,000 से अधिक कैंसर के मामलों का पता लगाया, जिनमें से कई सीधे आर्सेनिक-दूषित पानी से जुड़े थे।

भारत में आर्सेनिक युक्त पानी का संकट पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में अधिक गंभीर है। अकेले पश्चिम बंगाल में ही करीब 96 लाख लोग दूषित पानी पी रहे हैं। बिहार में यह संख्या करीब 12 लाख और असम में 16 लाख है।

आर्सेनिक से दूषित पानी के सेवन से   किडनी, त्वचा, मूत्राशय और फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे सातवां सबसे आम कैंसर माना है। इसके अलावा यह त्वचा रोग, श्वसन रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनता है।

कैसे बचें?

आर्सेनिक मुक्त जल के लिए सरकारी स्तर पर जल उपचार संयंत्रों की आवश्यकता है। लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि उन्हें हैंडपंप और टैंकरों से गुणवत्तापूर्ण पानी मिले। साथ ही जल स्रोतों की नियमित सफाई और सुधार भी जरूरी है।