West Bengal: नाबालिग से दुष्कर्म मामले के दोषी को मौत की सजा, बरुईपुर अदालत ने 62 दिन में सुनाया फैसला

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पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में 10 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को मौत की सजा सुनाई गई है। बरुईपुर की पॉक्सो अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला केवल 62 दिनों के भीतर सुनाया। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था।

62 दिनों में ऐतिहासिक फैसला

बरुईपुर की अदालत ने दोषी मुस्तकिन सरदार को मौत की सजा सुनाई। इस अभूतपूर्व फैसले की सराहना करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,
“महज दो महीने के भीतर दोषसिद्धि और मृत्युदंड राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है। मैं इस उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन टीम को बधाई देती हूं। हमारी सरकार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम कर रही है।”

दुष्कर्म के बाद की गई थी बच्ची की हत्या

यह घटना 4 अक्टूबर की है, जब 10 साल की बच्ची, जो कक्षा 4 की छात्रा थी, ट्यूशन पढ़ने गई थी। बच्ची रात 8 बजे तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। काफी खोजबीन के बाद बच्ची का शव पास की एक नहर से मिला। जांच में पता चला कि दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।

आरोपी ने अपराध कबूल किया

बरुईपुर एसपी ने बताया कि पीड़िता की एक दोस्त ने पुलिस को जानकारी दी थी कि उसने आरोपी मुस्तकिन सरदार को बच्ची के साथ साइकिल पर जाते देखा था। जब पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी बच्ची से दोस्ती करने की कोशिश कर रहा था और घटना वाले दिन उसे आइसक्रीम खिलाने के बहाने अगवा किया था।

घटना के बाद भड़का आक्रोश

इस जघन्य अपराध के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। जयनगर में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया और वाहनों में तोड़फोड़ की। इस आक्रोश ने प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बनाया।

ममता बनर्जी का सख्त रुख

घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस और न्यायिक प्रणाली को निर्देश दिया था कि अपराधी को तीन महीने के भीतर सजा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा,
“अपराध का कोई धर्म या जाति नहीं होती। ऐसे अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि न्याय में न तो देरी हो और न ही पीड़ित परिवार को न्याय से वंचित किया जाए।”

न्याय प्रणाली का उदाहरण

बरुईपुर अदालत का यह फैसला न केवल तेज न्याय प्रक्रिया का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासन और न्यायपालिका महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को लेकर सख्त है।

संदेश: अपराधियों को मिलेगी सजा

यह मामला देशभर में यह संदेश देता है कि ऐसे जघन्य अपराधों में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाएगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फैसले के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला और बाल सुरक्षा के लिए वह कोई भी कोताही नहीं बरतेगी।

The accused in the case involving the brutal rape and murder of a minor girl in Joynagar on 4.10.24 has been sentenced to death today by the POCSO court at Baruipur just within 62 days of the ghastly incident. Conviction and capital punishment in such a case in just over two…

— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 6, 2024