Action against Terrorist:जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, दो मकान कुर्क

जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों के खिलाफ तगड़ा एक्शन, दो मकान किये गये कुर्क

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवाद से जुड़े मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी है। गुरुवार को अधिकारियों ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दो मकानों को कुर्क कर लिया। यह कदम आतंकवाद से जुड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

आतंकियों से जुड़ी संपत्तियां कुर्क

शोपियां पुलिस ने आतंकवाद पर प्रभावी कार्रवाई करते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 25 के तहत दो मंजिला मकानों को कुर्क किया।

  • कुर्क संपत्तियों के मालिक:
    1. पहला मकान आतंकवादी अदनान शफी डार के पिता मोहम्मद शफी डार के नाम पर पंजीकृत था।
    2. दूसरा मकान आतंकवादियों के सहयोगी सज्जाद अहमद खाह के ससुर अब्दुल मजीद कोका के नाम पर दर्ज था।
  • पुलिस का बयान:
    यह कार्रवाई ज़ैनापोरा पुलिस थाने में दर्ज एक मामले के तहत की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि यह कदम आतंकवाद के वित्तपोषण और सहयोग तंत्र को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

उमर अब्दुल्ला ने फिर उठाई राज्य के दर्जे की बहाली की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। उन्होंने यह बयान एसकेआईएमएस अस्पताल के 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया।

  • प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को संबोधन:
    उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर राज्य के दर्जे की बहाली के मुद्दे को उठाएंगे।
  • चुनावों में जनता की भागीदारी:
    अब्दुल्ला ने कहा, “हाल के चुनावों में लोगों ने भारी उत्साह के साथ भाग लिया। यह दिखाता है कि जनता राज्य के दर्जे की बहाली के वादे को लेकर गंभीर है।”
  • शेख अब्दुल्ला की जयंती पर अवकाश की मांग:
    जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पर अवकाश बहाल किया जाएगा, उन्होंने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता राज्य का दर्जा बहाल करना है।

एसकेआईएमएस अस्पताल की भूमिका पर जोर

उमर अब्दुल्ला ने एसकेआईएमएस अस्पताल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस संस्थान का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के लोगों को पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली जैसे बड़े अस्पतालों पर निर्भरता से बचाना है।

  • स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती:
    उन्होंने कहा कि एसकेआईएमएस का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।