भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया है। इसके तहत, ये उत्पाद अब अनिवार्य जोखिम निगरानी और तीसरे पक्ष के ऑडिट के अधीन होंगे।
एफएसएसएआई के अनुसार, उच्च जोखिम श्रेणी के खाद्य पदार्थों में दूषित, खराब भंडारण और कुप्रबंधित उत्पाद शामिल हैं। इससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, यही कारण है कि ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से पहले सख्त नियमों और निगरानी की आवश्यकता होती है। पैकेज्ड पेयजल के अलावा, इस श्रेणी में कच्चा मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, ताजे कटे फल, सब्जियां, खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ, खाने के लिए तैयार भोजन, सलाद, मिठाइयां शामिल हैं। गौरतलब है कि पिछले अक्टूबर में सरकार ने इन उत्पादों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) से प्रमाणन की आवश्यकता को हटा दिया था। अब इन खाद्य पदार्थों को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य जोखिम निगरानी और तीसरे पक्ष के ऑडिट से गुजरना होगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के फैसले से अब पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। अब बाजार में बिकने वाली पानी की बोतलों पर बीआईएस मार्क होना जरूरी होगा।