नई दिल्ली, 3 दिसंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी पेट्रोलिंग के दौरान मारे गए जवान की पत्नी को पेंशन देने के आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल (एएफटी) के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने पर केंद्र सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वीर बलिदानी की विधवा को कोर्ट में नहीं घसीटा जाना चाहिए था।
कोर्ट ने कहा कि एएफटी के फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला लेने वाले प्राधिकार को मृत सैनिक की पत्नी के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश देते हुए केंद्र को जुर्माने की ये रकम वीर बलिदानी की पत्नी को दो महीने के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया।
मामला नायक इंद्रजीत सिंह का है जिनकी 2013 में खराब मौसम में पेट्रोलिंग के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उनकी मौत को शुरू में युद्ध में हताहत के रूप में वर्गीकृत किया गया था लेकिन बाद में इसे सैन्य सेवा के कारण शारीरिक दुर्घटना के रूप में दोबारा वर्गीकृत किया गया। इंद्रजीत सिंह की पत्नी को दूसरे लाभ तो दिए गए लेकिन पारिवारिक पेंशन से वंचित कर दिया गया। उसके बाद इंद्रजीत सिंह की पत्नी ने एएफटी का रुख किया। एएफटी ने इंद्रजीत की पत्नी को पारिवारिक पेंशन देने का आदेश दिया लेकिन एएफटी के इस आदेश को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।