बांग्लादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न के खिलाफ अयाेध्या में सड़काें पर उतरे लाेग

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अयोध्या, 3 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एवं इस्कान के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में राम नगरी में अनेक हिंदू संगठनों, धर्म जागरण मंच ने ‘बांग्लादेशी हिन्दू रक्षा संघर्ष समिति’ के बैनर तले संतों, महंतों की अगुवाई में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हिन्दू समाज के विभिन्न संगठन गुलाब बाड़ी गेट पर एकत्र हुए।

यहां पर एक सभा के माध्यम से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हमारे समाज में कष्टों को जल्दी भूल जाने की आदत है। भगवान पर भरोसा होने के कारण कष्ट जल्दी भूल जाते हैं। भारत ने बांग्लादेश में समाज की रक्षा के लिए सहायता की और पंजाब पाकिस्तान रह गया और बंगाल बांग्लादेश बन गया। बांग्लादेश को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए भारत ने सब प्रकार का सहयोग किया। उन्होनें कहा कि अयोध्या में रहकर बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा हो, इसके लिए हमे क्या करना चाहिए। इसकी चिंंता करें।

इस अवसर पर बावन मंदिर स्वर्गद्वार महन्त वैदेही बल्लभ शरण महाराज ने भी बांग्लादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही। वक्ताओं ने मौजूद लोगों में जोश भरते हुए बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर भारत सरकार से बांग्लादेश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। विरोध कार्यक्रम में महन्त जय राम दास ने कहा कि आज बांग्लादेश में हिंन्दुओं को मारा जा रहा है। मन्दिरों को तोड़ा जा रहा है, हिन्दुओं की बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। बांग्लादेश के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के समय में हिन्दू आबादी लगभग 20 फीसदी के आसपास थी 2022 में वहां की जनगणना के अनुसार हिन्दू आबादी महज 1 प्रतिशत के आसपास सिमट गई है।

सभा के बाद हाथों में तख्तियों के साथ विरोध मार्च निकालते हुए गांधी पार्क सिविल लाइन चौराहे पर लोगों ने बांग्लादेश की सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्पति को संबोधित ज्ञापन सौंपा।