सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है। हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई से इस पर जल्द ही अपनी सिफारिशें भेजने को कहा है। इससे संकेत मिलते हैं कि कंपनियों को सैटेलाइट स्पेक्ट्रम जल्द ही आवंटित किया जा सकता है। ट्राई ने इससे पहले 8 नवंबर को सभी हितधारकों के साथ बैठक की थी। वैसे भी सरकार चाहती है कि नए साल से सैटेलाइट सेवाएं शुरू की जाएं, जिसके लिए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए।
इस खबर पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता असीम मनचंदा ने बताया कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर काम तेजी से चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों पर जल्द ही फैसला आ सकता है। इसके लिए दूरसंचार विभाग ने ट्राई को निर्देश दिए हैं। दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों पर जल्द ही सिफारिशें मांगी हैं।
असीम मनचंदा ने कहा कि ट्राई को 15 दिसंबर से पहले सिफारिशें देने को कहा गया है ताकि स्पेक्ट्रम आवंटन पर जल्द से जल्द फैसला लिया जा सके. इससे पहले टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने 8 नवंबर को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की थी. जबकि सितंबर महीने में ही सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया था. माना जा रहा है कि सरकार भी इस मामले को बहुत जल्द निपटाना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार नए साल से सैटेलाइट सेवाएं शुरू करना चाहती है. इसलिए ट्राई को 15 दिसंबर से पहले सिफारिशें देने की डेडलाइन दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक ट्राई ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। अगले 7 से 8 दिनों में इस पर सिफारिशें जारी की जा सकती हैं। इसके बाद सरकार भी इसे जल्द ही आगे बढ़ा सकती है और इस पर कैबिनेट की मंजूरी ले सकती है। सैटेलाइट सेवाएं देने वाली कंपनियों को दिसंबर के अंत तक स्पेक्ट्रम मिलने की संभावना है, ताकि कंपनियां जनवरी से सैटेलाइट सेवाएं दे सकें।
असीम ने आगे कहा कि ट्राई की सिफारिशों के बाद दूरसंचार विभाग कैबिनेट की मंजूरी लेगा। आपको बता दें कि एलन मस्क की कंपनी सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर सेवाएं देने के लिए तैयार है। इसके साथ ही स्टार लिंक और वन वेब भी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि देश में जल्द ही सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देखने को मिल सकती हैं।