राजनीति में हर कोई असंतुष्ट है- नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने एक बार राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि राजनीति हमेशा से असंतुष्ट आत्माओं का घर रही है. यहां हर कोई दुखी है. जो पार्षद बनता है वह दुखी होता है क्योंकि वह विधायक नहीं बन सका। मंत्री नहीं बन पाने से विधायक दुखी हैं. जबकि जो मंत्री बनता है वह इस बात से दुखी रहता है कि उसे अच्छा मंत्रालय नहीं मिला और वह मुख्यमंत्री नहीं बन सका. वहीं सीएम इस बात से दुखी हैं कि पता नहीं कब आलाकमान उन्हें पद छोड़ने के लिए कह दे.
गडकरी के बयान की चर्चा
नितिन गडकरी का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है. इस वक्त नितिन गडकरी के बयान से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की बहस छिड़ गई है. सीएम के चेहरे को लेकर चल रहे विवाद के बीच गडकरी के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. बता दें कि नितिन गडकरी रविवार को नागपुर में थे. जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में 50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ नाम की किताब का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीवन समझौतों, जिम्मेदारियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर एक बार फिर से शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कौन हैं?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए 10 दिन हो गए हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो सका है. बीजेपी के देवेन्द्र फड़णवीस का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है, लेकिन अभी तक उनके नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. बीजेपी पर्यवेक्षक आज महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं, कल बीजेपी विधायकों की बैठक के बाद नामों का ऐलान करेंगे.