नई दिल्ली: हर घर में कम से कम 3 बच्चे होने चाहिए…यह बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिया है…नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में घटती जनसंख्या पर चिंता जताई…जिसमें उन्होंने कहा कि जब किसी समाज की विकास दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है… तो फिर मोहन भागवत ने ऐसा बयान क्यों दिया?… कांग्रेस और औवेसी ने इस बारे में क्या कहा?.. आइए देखते हैं यह रिपोर्ट…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के अध्यक्ष मोहन भागवत एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर पहुंचे…जहां उन्होंने देश में घटती जनसंख्या पर चिंता जताई…और नवविवाहितों को 2-3 बच्चे पैदा करने की सलाह दी…
यह चिंता का विषय है कि जनसंख्या कम हो रही है। जनसंख्या विज्ञान कहता है कि यदि जनसंख्या वृद्धि 2.1 से कम हो जाती है तो वह समाज नष्ट हो जाता है। ऐसे में जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 होनी चाहिए. कम से कम 3 बच्चे होने चाहिए.
मोहन भागवत के इस बयान पर अब सियासत गरमा गई है… सबसे पहले AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने मोर्चा खोला… उन्होंने भागवत से सवाल किया कि क्या वह ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के खाते में पैसे डालेंगे?
तो इस मामले में कांग्रेस भी मैदान में आ गई…कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी दूर होगी तो देश आगे बढ़ेगा. बीजेपी नेता ने इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहा…बस ये कहकर समाज के संतुलन का बचाव किया कि घटती जनसंख्या का असर इस पर पड़ेगा.
आइए मोहन भागवत की चिंता पर विश्वास करें… लेकिन भारत की 145 करोड़ की आबादी में कितने गरीब हैं, कितने बेरोजगार हैं, है ना?
सबसे गरीब देशों की सूची में भारत 46वें स्थान पर है…
भारत में प्रति व्यक्ति आय 2.28 लाख रुपये है…
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 80 करोड़ गरीबों को राशन मिलता है…
देश की आबादी में से 3.2 लोगों के पास कोई नौकरी नहीं है …
भारत में 2023 में 83 प्रतिशत शिक्षित युवा बेरोजगार थे…
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 127 देशों में से 105वें स्थान पर है…
इतनी आबादी में इतनी समस्या है… तो जरा सोचिए अगर हर परिवार में 3 बच्चे हों तो देश में कितने बेरोजगार, गरीब लोग होंगे… तो सबसे पहले एक सही सिस्टम बनाने की जरूरत है और उनके लिए सिस्टम…