38 दवा के सैंपल फेल, मरीजों की जान को बड़ा खतरा! कैसे करें असली-नकली की पहचान?

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हम बीमारी से बचने के लिए दवाइयां खाते हैं, लेकिन अगर दवा नकली मिल रही हो या ऐसी दवाइयां मिल रही हों जिनकी क्वालिटी खराब हो, तो हमारा क्या होगा? ठीक होने की बजाय आप और बीमार हो जाएंगे। हालांकि, कुछ कंपनियां मुनाफे के लिए लोगों की जान दांव पर लगा रही हैं और ऐसा ही हिमाचल प्रदेश की कई दवा कंपनियों में हो रहा है जहां लगातार दवाओं के सैंपल फेल हो रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में दवा उद्योग पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अक्टूबर में केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की ओर से जारी ड्रग अलर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। जांच के दौरान हिमाचल प्रदेश में निर्मित 38 दवाओं के सैंपल फेल हो गए। इनमें बुखार, बीपी, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों की दवाएं शामिल हैं, जो आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं।

कौन सी दवा के नमूने असफल हुए?

फेल होने वाली दवाओं में बुखार के लिए बायोएसिटामोल, मिर्गी के लिए डाइवलप्रोक्स, टॉन्सिल के लिए सेपसेम, बीपी के लिए टारविग्रेस, अस्थमा के लिए मोंटिलुकास्ट, उल्टी के लिए स्टेमरिल और रेबेप्रोजोल, सूजन के लिए ट्रिप्सन और कैंसर के लिए लिपोसोमल शामिल हैं। ये सिर्फ कुछ दवाओं के नाम हैं। 38 ऐसी दवाएं हैं, जो मानकों पर खरी नहीं उतरीं या जिनके सैंपल फेल हो गए हैं। इनमें से कई दवाएं बाजार में पहुंच गई हैं और कुछ का इस्तेमाल लोगों के घरों में हो रहा है। सैंपल फेल होने के बाद ड्रग डिपार्टमेंट ने सभी दवाओं के बैच को बाजार से उठाने के निर्देश दिए हैं।

नकली और खराब दवाओं की पहचान कैसे करें?

* दवा के पैकेज पर ध्यान दें। पैकेजिंग पर स्पेलिंग की गलतियाँ, रंग फीका पड़ना और असामान्य फ़ॉन्ट नकली दवाइयों के संकेत हो सकते हैं। ऑनलाइन या ऐप के ज़रिए बारकोड और बैच नंबर की पुष्टि करें।

* एमआरपी और निर्माण संबंधी विवरण की जांच करें। प्रत्येक दवा पर निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि और एमआरपी स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए। अगर यह जानकारी गायब है तो सावधान रहें।

* दवा की गुणवत्ता की जाँच करें। अगर दवा का रंग, आकार और बनावट अलग दिख रही है, तो डॉक्टर या फार्मासिस्ट से संपर्क करें। दवा की स्वीकृति की स्थिति की जाँच करें। दवा खरीदने से पहले संबंधित ब्रांड की वैधता और स्वीकृति सुनिश्चित करें।

* ऑनलाइन दवाइयाँ खरीदते समय सावधान रहें। हमेशा विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही दवाइयाँ खरीदें।

यदि कोई नकली दवा पाई जाए तो क्या करें?

अगर आपको किसी दवा की गुणवत्ता पर संदेह है तो तुरंत स्थानीय औषधि विभाग या स्वास्थ्य प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही डॉक्टर से संपर्क कर दवा या उपचार में बदलाव के लिए सलाह लें।