लेजर लाइट शो से दिखा प्राचीन मेढक मंदिर की महिमा का अद्भुत नजारा

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लखीमपुर खीरी, 29 नवंबर (हि.स.)। जिले में पहली बार आयोजित लखीमपुर महोत्सव में इस बार लेजर शो में मेंढक मंदिर के महत्व के साथ शिव के बारे में उपस्थित जनसमूह को जानकारी दी गई। यह मेढक हजारों साल पुराना है। इस प्राचीन मंदिर के बारे में लोगों को जानकारी देने के साथ ही इस महोत्सव के माध्यम से यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश भी की गई है। लाइट एंड लेजर शो के शुरू होने के बाद रंग बिरंगी रोशनी की छटा महोत्सव के आकर्षण का केंद्र रही।

इस दौरान अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ ध्रुपद गायक पंडित विनोद कुमार द्विवेदी ने अपने ध्रुपद गायन से सभी को भाव विभोर किया। ध्रुपद भारतीय संगीत की प्राचीतम विद्या जो सामवेद से जुड़ी है, जिसका गायन तानसेन भी किया करते थे। सह गायन में उनके सुपुत्र आयुष द्विवेदी एवं उनके वरिष्ठ शिष्य शिष्याओं ने संगत की तथा सारंगी संगत पर वाराणसी से अनीश मिश्रा एवं पखावज पर पुणे से मनोज सोलंके अति प्रभावशाली संगत की।

गायन की शुभारम्भ जोग में आलाप तथा शिव जी पर आधारित स्वयं की दो रचनाएँ “ आदि देव महादेव.. “ एवं “बाजत शिव डमरू….“ प्रस्तुत की। आपने भारत देश पर राग देश में “भारत पुण्य धारा.. “ रचना प्रस्तुत की। समापन “ ॐ नमों भगवते वासुदेवाय “ पर ध्रुपद प्रस्तुत किया। सह गायन में आशुतोष पांडे, अक्षय शुक्ला, मृदुल अवस्थी, कृति गुप्ता आदर्श गुप्ता, अक्षिता अवस्थी, वैष्णवी तिवारी ने बहुत ही अच्छा साथ दिया।