इस्लामाबाद: ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ ने हाल ही में दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं की सूची जारी की है। वर्ष 2024 में विश्व सैन्य शक्तियों की रैंकिंग में अमेरिका शीर्ष पर है। इसके बाद रूस और चीन का स्थान है। भारत को इस सूची में चौथा स्थान मिला है। इस सूची में पाकिस्तान ने भी टॉप-10 में जगह बनाई है। पाकिस्तानी सेना दुनिया की नौवीं सबसे शक्तिशाली सेना है। ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं को सूचीबद्ध करने के लिए 60 से अधिक व्यक्तिगत कारकों के आधार पर 145 देशों की सैन्य ताकत का मूल्यांकन किया है। पाकिस्तान की सेना की ताकत की बात करें तो उसके पास 3,700 से ज्यादा टैंक, 1,400 सैन्य विमान और 17 लाख सैनिक हैं। इनमें 6,54,000 सक्रिय सैन्यकर्मी शामिल हैं। सक्रिय सैन्यकर्मियों के मामले में पाकिस्तान की ताकत काफी ज्यादा है। सक्रिय सैनिकों की संख्या के लिहाज से यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है। पाकिस्तान सशस्त्र बलों में सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ-साथ राष्ट्रीय गार्ड और नागरिक सशस्त्र बल जैसे अर्धसैनिक बल भी शामिल हैं।
पाकिस्तानी सेना की मजबूत ताकतें क्या हैं?
पाकिस्तान के पास 50 हजार से ज्यादा बख्तरबंद गाड़ियां, 600 रॉकेट लॉन्चर, दो विध्वंसक, आठ पनडुब्बी, 114 नौसैनिक जहाज और 387 लड़ाकू विमान हैं। ग्लोबल फायरपावर ने पाकिस्तान को पावर इंडेक्स में 0.1711 अंक दिए हैं। पाकिस्तान का सैन्य खर्च 6.3 अरब डॉलर है। देश में पाकिस्तान की सेना का दबदबा भी उसकी ताकत को एक अलग स्तर पर ले जाता है। दुनिया की दूसरी सेनाओं के काम यानी सीमाओं पर देश की रक्षा करने से अलग पाकिस्तान की सेना गैर-सैन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सक्रिय है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की तरह काम करती है। पाक सेना ने रियल एस्टेट, फैक्ट्री, फर्टिलाइजर और फूड-चेन जैसे उद्योगों में या तो निवेश किया है या फिर सेना ही उन्हें पूरी तरह से चला रही है। पाकिस्तान के गठन के बाद से ही पाक सेना ने राजनीति, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम कर रखा है। यहां तक कि पाकिस्तान की सेना मनोरंजन के क्षेत्र में भी है, वह टीवी नाटक भी बनाती है।
पूरी दुनिया में सैन्य व्यय बढ़ रहा है
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के हालिया डेटा अध्ययन के अनुसार, वैश्विक सैन्य व्यय 2.443 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गया है, जो लगातार नौवें वर्ष वृद्धि है। दुनिया में बढ़ती असुरक्षा और भू-राजनीतिक संघर्षों और तनावों के बीच, अधिकांश राष्ट्र मजबूत सैन्य शक्ति स्थापित करने की होड़ में हैं, जो उन्हें वैश्विक राजनीति, रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है।