मुंह के छाले: मुंह के छालों को आयुर्वेद में ‘मुखपाक’ कहा जाता है। यह एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जो आजकल बहुत आम हो गई है। मुंह के छालों का मुख्य कारण शरीर में पित्त का असंतुलन है, लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हैं जैसे अत्यधिक कैफीन का सेवन और धूम्रपान, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड की कमी, आईबीएस, तनाव, आहार में पोषक तत्वों की कमी, नींद, भी। कई दवाएँ, गर्म या मसालेदार भोजन भी शामिल है।
अगर आप भी मुंह के छालों से परेशान हैं तो ये 2 चीजें इसे चमत्कारिक ढंग से ठीक कर सकती हैं। इसके बारे में बता रही हैं डॉ. दीक्षा भावसार से। डॉ। दीक्षा आयुर्वेदिक उत्पादों के ब्रांड द कदंब ट्री की संस्थापक हैं।
मुंह के घावों के लिए घी
पोषक तत्वों से भरपूर घी बहुत फायदेमंद होता है. यह शरीर में इसकी कमी को पूरा करता है और त्वचा में निखार लाता है। घी और हल्दी का मिश्रण मुंह के घावों को दूर करने में फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में हल्दी को एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है, जो सूजन और सूजन को शांत करती है।
मुँह के छालों के लिए घी का उपयोग कैसे करें?
- 1 चम्मच घी में 1 चुटकी हल्दी मिला लें.
- रात को सोने से पहले इसे मुंह के छालों पर लगाएं।
- इस उपाय से 3 दिन में ही पपड़ी से राहत मिल जाती है।
छीलने के लिए छाछ
आयुर्वेद में छाछ को असरदार और ठंडक पहुंचाने वाली औषधि माना जाता है। यह पाचन में सुधार, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुंह के छालों के इलाज में छाछ का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि यह पित्त को संतुलित करता है, जो खुजली का मुख्य कारण है।
छीलने के लिए छाछ का उपयोग कैसे करें?
- छाछ से गरारे करने या इसे मुंह में घुमाने से छालों से जल्द राहत मिलती है।
- दिन में दो बार छाछ से 5 से 10 मिनट तक गरारे करने से मुंह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
- यह मुंह के अंदर की सूजन को कम करता है। इसके अतिरिक्त, यह सूजन और दर्द से भी राहत दिलाता है।
मुँह के छालों के अन्य उपचार
मुंह के छालों से बचने के लिए कुछ सरल आयुर्वेदिक उपाय अपनाए जा सकते हैं। अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखना, ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां खाना और पित्त कम करने वाला आहार खाने से मुंह के छालों को रोकने में मदद मिलती है।