स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर और आम कैंसर है, जो हर साल लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है। इस बीमारी की शुरुआत अक्सर धीरे-धीरे होती है, और इसके लक्षण तब तक पता नहीं चलते जब तक कैंसर फैल न जाए। यही कारण है कि समय पर पहचान और उपचार बेहद ज़रूरी है।
लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस बात से अनजान रहती हैं कि ब्रेस्ट कैंसर की जांच कब और कैसे शुरू करनी चाहिए, जो कई मामलों में उनके लिए जानलेवा साबित होती है। ऐसे में किस उम्र से ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए सावधानियां बरतना जरूरी है, यहां आप जान सकते हैं-
स्तन कैंसर की जांच कब शुरू करें?
स्तन कैंसर की जांच आमतौर पर 40 वर्ष की आयु में शुरू होनी चाहिए। हालांकि, अगर आपके परिवार में पहले किसी को यह कैंसर हुआ है, तो आपको 30 वर्ष से पहले इसकी जांच शुरू कर देनी चाहिए।
40 के बाद स्तन जांच
इस उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राफी (मैमोग्राम) करवाने की सलाह दी जाती है। मैमोग्राफी एक रेडियोग्राफिक इमेजिंग तकनीक है जो स्तन के ऊतकों को स्कैन करती है और कैंसर के संभावित लक्षणों का पता लगाने में मदद करती है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, 40 साल के बाद हर साल मैमोग्राफी करवानी चाहिए।
20 से 30 साल बाद खुद को परखें
20 से 30 की उम्र में महिलाओं को अपने स्तनों की जांच खुद ही करानी चाहिए। इसे ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन (बीएसई) कहते हैं। इस प्रक्रिया में महिलाएं खुद ही अपने स्तनों की सतह पर किसी गांठ, बदलाव या असामान्य लक्षण का पता लगाने की कोशिश करती हैं, हालांकि, यह जांच मेडिकल जांच का विकल्प नहीं हो सकती, लेकिन यह किसी भी असामान्य बदलाव का पहला संकेत देने में मदद कर सकती है।
50 के बाद भी जांच जरूरी
रजोनिवृत्ति के बाद भी महिलाओं को स्तन कैंसर की जांच करवाते रहना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है, इसलिए 50 साल के बाद भी नियमित मैमोग्राफी की ज़रूरत होती है।
स्तन कैंसर के लक्षणों पर ध्यान दें
महिलाओं को अपने स्तनों के आकार, आकृति और स्थिति में किसी भी असामान्य परिवर्तन पर ध्यान देना चाहिए। अगर किसी महिला को स्तन में गांठ, दर्द, त्वचा में बदलाव, निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज या अन्य असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।