नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिये हैं। इनमें दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति को अगले साल मार्च तक बढ़ाया गया है।अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम लिमिटेड (डीएसएफडीसी) के कर्मचारियों को बकाया वेतन देने के लिए 17 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा गुरुनानक आई सेंटर में ऑप्टोमेट्री ट्रेनिंग विंग शुरू करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कैबिनेट के इन अहम फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि आज दिल्ली कैबिनेट ने रुकी हुई “दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी” को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है। 2019-20 तक दिल्ली में पंजीकृत होने वाली गाड़ियों में मात्र 4 प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियां होती थी लेकिन इस पॉलिसी के बाद आज इनकी संख्या 12 प्रतिशत है, जो देश में सबसे ज़्यादा है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी, 2024 के बाद दिल्ली में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी खरीदारों के खातों में भेजी जाएगी। साथ ही इस पॉलिसी को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाया भी जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार का डीएसडीएफसी कॉरपोरेशन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और दिव्यांगजनों को कम दरों पर ऋण तथा अन्य वित्तीय सहायता देता है। अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद इस कॉरपोरेशन के करीब 125 से ज़्यादा कर्मचारियों की कई महीनों तक तनख़्वाह रुक गई थी। आज दिल्ली कैबिनेट ने इस कॉरपोरेशन को 17 करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है, ताकि इसके कर्मचारियों को पुरानी रुकी तनख्वाह और आगे की तनख्वाह समय पर मिलती रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने गुरुनानक आई सेंटर में ऑप्टोमेट्री ट्रेनिंग विंग शुरू करने का निर्णय लिया है। यहां चार साल के “बैचलर इन ऑप्टोमेट्री” कोर्स की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में ऑप्टोमेट्री ट्रेनिंग विंग के ज़रिए यंग प्रोफेशनल तैयार किए जाएंगे।