नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)।दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार की डगमगा चुकी वित्तीय स्थिति के लिए आम आदमी पार्टी(आआपा) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार के गैर-जिम्मेदाराना रवैये और बिना सोचे समझे मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा के चलते दिल्ली सरकार दिवालिया हो चुकी है। विजेन्द्र गुप्ता ने 29 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में सरकार के फैसलों के खिलाफ जोरदार आवाज उठाने का निर्णय लिया है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में आआपा की सरकार ने करोड़ों रुपए की ऐसी योजनाओं पर पैसा बहा दिया जिनका एक फ़ीसदी फायदा भी दिल्ली की जनता को नहीं मिल पाया। ऐसा पहली बार हुआ है कि हमेशा सरप्लस राजस्व के लिए दूसरे राज्यों के लिए नजीर बनने वाला दिल्ली राज्य आज राजस्व घाटे का सामना कर रहा है । उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को आगाह करते हुए कहा कि आज अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार 10 हजार करोड़ का जो लोन ले रही है उसे चुकाने में सरकार को 15 साल लग जाएंगे। इन 15 सालों में इस लोन का ब्याज ही 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो जायेगा। कुल मिलाकर 50 हजार करोड़ की देनदारी का बोझ अगले 15 साल तक दिल्ली की जनता को ढोना पड़ेगा। आने वाली सरकारें भी आम आदमी पार्टी की इन गलतियों का खामियाजा भुगतने को मजबूर होंगी।
नेता प्रतिपक्ष ने दिल्ली में प्रदूषण के मद्देनजर निर्माण कार्यों पर लगी रोक के कारण बेरोजगार हुए सभी श्रमिकों को तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग दिल्ली सरकार से की है । इस संबंध में मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली में विभिन्न निर्माण स्थलों पर दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले श्रमिकों की संख्या लगभग 20 लाख है। जानकारी के अभाव में इनमें से अधिकांश श्रमिकों ने अपना पंजीकरण दिल्ली सरकार के श्रमिक कल्याण बोर्ड में नहीं करवाया हैए जिसके चलते उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है। भारी आर्थिक संकट के चलते उनके परिवारों के लिए गुजारा करना मुश्किल हो गया है।
गुप्ता ने बिना पंजीकरण वाले श्रमिकों को भी पंजीकृत श्रमिकों की तरह तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय और प्रशासनिक स्थितियों का आकलन करने के लिए कैग की रिपोर्ट्स एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं और इन्हें संवैधानिक नियमों के अनुसार उपराज्यपाल की अनुमति लेकर विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होता है। लेकिन दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार की अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिए इन्हें जानबूझकर सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है ।
दिल्ली में रह रहे लाखों रोहिंग्याओं को वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए आआपा नेताओं द्वारा दिल्ली चुनाव आयोग के अधिकारियों पर बनाए जा रहे दबाव पर विजेन्द्र गुप्ता ने चिंता व्यक्त की और कहा कि पहले दिल्ली सरकार ने इन लाखों रोहिंग्याओं को वोटर कार्ड जारी कर दिये और अब उन्हें वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए दबाव बनाया जाना दिल्ली के बहुत बड़ा खतरा है। दिल्ली सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर दिल्ली को बांग्लादेश नहीं बनने देंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम कल से शुरू होने जा रहे हैं दिल्ली विधानसभा के अंतिम और शीतकालीन सत्र में आम आदमी पार्टी की तमाम असफलताओं और दिवालियेपन के मुद्दे पर अपना विरोध जताएंगे और इन सब मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार से जवाब देने के लिए उसे बाध्य करेंगे।