महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता सूट पहनने को तैयार, अति आत्मविश्वास के कारण हारे: एमवीए में ही दरार

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महाराष्ट्र राजनीति: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं, लेकिन नई राज्य सरकार पर अभी भी संशय बना हुआ है। चुनाव जीतने वाला महायुति गठबंधन अभी भी मुख्यमंत्री पद पर विचार कर रहा है, जबकि हारी हुई महा विकास अघाड़ी अभी तक हार से उबर नहीं पाई है. अब महाविकास अघाड़ी में भी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बड़ा दावा किया है और कहा है, ‘राज्य में हार के लिए कांग्रेस का अति आत्मविश्वास जिम्मेदार है.’

नतीजों के पांच दिन बाद शिवसेना (उद्धव गुट) नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘महा विकास अघाड़ी की हार का मुख्य कारण कांग्रेस का अति आत्मविश्वास है, जिसके कारण हम हारे। भविष्य को ध्यान में रखते हुए हम राज्य की सभी 288 सीटों पर शिवसेना (उद्धव समूह) को मजबूत करेंगे।’
कांग्रेस को पहली बार बड़ा झटका

अंबादास दानवे शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता हैं और विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार महागठबंधन के किसी वरिष्ठ नेता ने खुलकर बात की और हार के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस का हर नेता सूट पहनकर तैयार था, वे अति आत्मविश्वास में थे और यही अति आत्मविश्वास हार का कारण बना. आखिरी मिनट तक सीट शेयरिंग चलती रही और सर्वे के नाम पर लोकसभा चुनाव नतीजे दिखाकर सीट हथिया ली गई और गंवा दी गई.’

 

चुनाव के बाद पार्टी को मजबूत करने के बारे में बात करते हुए अंबादास दानव ने कहा, ‘भविष्य को देखते हुए हमने शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख को अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं कि भविष्य में हमें सभी 288 सीटों पर खुद को मजबूत करना चाहिए, भले ही हम सभी सीटें हारते हैं, चुनाव मत लड़ो. निगम चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन पार्टी को अपना संगठन मजबूत करने की जरूरत है. चुनाव में हार के बाद शिवसैनिकों ने मातोश्री में बुलाई बैठक में उद्धव ठाकरे के सामने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं.

‘अगर बीजेपी शिंदे को सीएम बनाती तो गलत होता’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक एकनाथ शिंदे ने बुधवार (27 नवंबर) को पीसी कर खुद को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया। जिसके बारे में अंबादास दानव ने कहा, ‘बीजेपी खुद बहुमत में है. ऐसे में ऐसी उम्मीद नहीं की जानी चाहिए थी. अगर बीजेपी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाती तो वह भी गलत होता. लेकिन अगर शिंदे एक चेहरा हैं तो क्या बीजेपी में कोई चेहरा नहीं है? क्या यह मुलाकात बिना चेहरे के हुई है?’