महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप दे रही योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने बड़े पैमाने पर इस भव्य आयोजन का डिजिटलीकरण कर रही है. महाकुंभ में एआई की मदद से कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहेंगे। इन एआई-लाइसेंस प्राप्त कैमरों के अलावा, फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी लापता लोगों का पता लगाने और उन्हें उनके परिवारों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
डिजिटल खोया पाया सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
इस बार महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले कई लोग अपने परिवार से बिछड़ने के डर के बिना मेले का आनंद ले सकेंगे. मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया सेंटर 1 दिसंबर से लाइव होगा, जिसके जरिए 328 एआई लाइसेंस प्राप्त कैमरे पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी करेंगे. इन सभी कैमरों का परीक्षण मेला क्षेत्र के चार प्रमुख स्थानों पर किया गया है। योगी सरकार के निर्देशानुसार कैमरे लगाने का काम अंतिम चरण में है. पूरे मेला क्षेत्र को इस विशेष कैमरे से लैस किया जाएगा। यानी अब महाकुंभ में कोई भी अपने परिवार से अलग नहीं हो सकता.
अत्याधुनिक एआई कैमरा लापता व्यक्ति को तुरंत ढूंढ लेगा
महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने डिजिटल खोया पाया केंद्र बनाए हैं, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे और पल भर में लापता व्यक्ति का पता लगा लेंगे. इसमें लापता व्यक्ति का तत्काल डिजिटल पंजीकरण शामिल होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद एआई कैमरा लापता व्यक्ति की तलाश शुरू कर देगा. इतना ही नहीं, लापता व्यक्ति की जानकारी फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा की जाएगी। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को सुरक्षित बनाएगी और परिवारों को अपने प्रियजनों से जल्दी और आसानी से जुड़ने में मदद करेगी।
एआई फोटो से करेगा मिलान
महाकुंभ में अपने परिवार से बिछड़े लोगों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. यह तकनीक तुरंत काम करेगी. चूंकि महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है, ऐसे में एआई कैमरे इस मेले की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे, जिससे फोटो खींचकर व्यक्ति की तुरंत पहचान की जा सकेगी। इस कार्य में सोशल मीडिया का भी प्रभावी उपयोग किया जायेगा।
परिवार वालों को सौंपने से पहले पहचान का सबूत देना होगा
महाकुंभ मेले के दौरान जो भी व्यक्ति अपने परिवार से बिछड़ जाएगा, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और उचित देखभाल भी की जाएगी। किसी भी वयस्क, बच्चे या महिला को सौंपने से पहले पहचान का प्रमाण देना होगा कि वे उस व्यक्ति को जानते हैं और उनकी पहचान प्रामाणिक है।