सर्दियों का मौसम आते ही हमारे शरीर और दिमाग पर इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। इस ठंड के मौसम में सेहत को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, मौसम के हिसाब से खान-पान और दिनचर्या में बदलाव करना बहुत जरूरी है। सर्दियों में पाचन अग्नि मजबूत होती है, जो खाने-पीने की चीजों से पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करती है।
आयुर्वेद में आहार को सबसे बड़ी औषधि कहा गया है। सर्दियों में शरीर को गर्म रखने और रूखी त्वचा से बचाने के लिए घी, सरसों का तेल और नारियल का तेल फायदेमंद है। ये न केवल त्वचा की नमी बरकरार रखते हैं बल्कि विटामिन ए, डी, ई और के के अवशोषण में भी मदद करते हैं। विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन हो सकता है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, इसलिए इसकी आपूर्ति का खास ख्याल रखें।
क्या खाने के लिए?
मौसमी सब्जियाँ : गाजर, शकरकंद और चुकंदर जैसे खाद्य पदार्थ शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देते हैं।
साबुत अनाज : जौ, जई और मक्का जैसे अनाज शरीर को गर्म रखते हैं और ऊर्जा देते हैं।
गर्म भोजन : सूप, हर्बल चाय और हल्दी वाला दूध शरीर को गर्म रखता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है।
क्या न खाएं?
ठंडे जूस, स्मूदी और कच्चे खाद्य पदार्थों से बचें। ये शरीर को सुस्त बना सकते हैं और ऊर्जा की कमी पैदा कर सकते हैं।
मसाले
अदरक, हल्दी, दालचीनी जैसे तत्व पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं। साथ ही, रोजाना हल्का व्यायाम और गर्म तेल से मालिश करने से शरीर ऊर्जावान और त्वचा मुलायम रहती है।
उपवास से बचें : मांसपेशियों के मजबूत होने के कारण
पाचन अग्नि को तेज करने के लिए उपवास करने से वात दोष बढ़ सकता है, जिससे बीमारियां हो सकती हैं। इस मौसम में संतुलित और पौष्टिक आहार लेना बेहतर होता है। आयुर्वेद के इन आसान और कारगर नुस्खों को अपनाकर आप ठंड के मौसम में खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रख सकते हैं।